Hathras Stampede: मरने वालों में 40 से 50 उम्र की महिलाएं अधिक, 80 हजार की परमीशन में पहुंची ढाई लाख की भीड़

Hathras Stampede: मरने वालों में 40 से 50 उम्र की महिलाएं अधिक, 80 हजार की परमीशन में पहुंची ढाई लाख की भीड़

एटा, अमृत विचारः यूपी के हाथरस में भोले बाबा (सूर्जपाल) के सतसंग के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। भगदड़ मचने से 121 लोगों ने अपनी जान गवा दी। जबकी 35 लोग घायल हैं, जिनमें कुछ की हालत गंभीर है और अभी 20 लोग अभी भी लापता है। जिनकी तलाश की जा रही है। वहीं कई लोग घायल हो गए। सभी घायलों और मृतकों को हाथरस और एटा के अस्पताल में भर्ती किया गया है। सतसंग स्थल पर ढ़ाइ लाख लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। इसमें  12 हजार सेवादार भी मौजूद थे। वहीं जब सतसंग खत्म हो गया और सभी लोग निकल रहे थे। इस दौरान ही भगदड़ मच गई। 


पोस्टमार्टम के लिए पड़ोसी जिले एटा में भेजे गए शवों की रिपोर्ट भी डराने वाली है। जहां रातभर पोस्टमार्टम के बाद भी लगातार शव आ रहे हैं। वरिष्ठ चिकित्सक से मिली जानकारी के अनुसार हाथरस के फुलरई गांव में मंगलवार को हुई भगदड़ के बाद एटा के जिला अस्पताल के शवगृह में 27 शव लाए गए थे, जबकि कुछ शवों को अलीगढ़ सहित आसपास के इलाकों के विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया। राज्य के राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार घटना में 121 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। 

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एटा के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम मोहन तिवारी ने को बताया कि यहां रात में लगभग 27 शवों में से 20 का पोस्टमार्टम हो चुका। जिसमें कई की पहचान हो चुकी है। डॉ. राम मोहन तिवारी ने बताया कि लगभग सभी मामलों में मौत का कारण दम घुटना पाया गया है। उन्होंने बताया कि मृतकों में अधिकांश 40-50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि जिले में औसतन प्रतिदिन चार से पांच शवों के पोस्टमार्टम किए जाते हैं, लेकिन मंगलवार को शवों की संख्या औसत से काफी अधिक थी, जिसके कारण अस्पताल के कर्मचारियों और अधिकारियों को नियमित समय से अधिक काम करना पड़ा। 

उन्होंने बताया कि अस्पताल में चार मरीज लाए गए थे, जिनमें से एक को प्राथमिक उपचार के बाद ही छुट्टी दे दी गई। दो अन्य खतरे से बाहर हैं और एक गर्भवती महिला का उपचार जारी है जिसकी हालत स्थिर है। पुलिस क्षेत्राधिकारी (सकीट क्षेत्र) संजय कुमार सिंह ने बताया कि एटा के सरकारी अस्पताल में लाए गए 27 शवों में से 21 की आधी रात तक पहचान हो गई। पुलिस क्षेत्राधिकारी ने बताया कि शवों की पहचान हो जाने के बाद प्रक्रिया पूरी करके उन्हें उनके परिवारों को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थीं। इस मामले में पुलिस ने मुख्य सेवादार समेत आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि आयोजकों ने प्रशासन को 80 हजार लोगों के आने की सूचना दी थी जबकि सत्संग में ढाई लाख लोग पहुंच गए। सत्संग के मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा’ के प्रवचन के बाद जब वह अपनी गाड़ी में सवार होकर आयोजन स्थल से निकल रहे थे तभी अनुयायियों ने उनकी गाड़ी के मार्ग से धूल समेटना शुरू कर दिया जिससे भगदड़ मच गई।

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