यूपी के हाथरस में सत्संग में मची भगदड़, 50 से ज्यादा के मरने की आशंका, सीएम ने मंत्रियों समेत अधिकारियों को किया रवाना

यूपी के हाथरस में सत्संग में मची भगदड़, 50 से ज्यादा के मरने की आशंका, सीएम ने मंत्रियों समेत अधिकारियों को किया रवाना

हाथरस/लखनऊ, अमृत विचार। हाथरस में बड़ा हादसा हुआ है। यहां सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव फुलराई, मुगल गढ़ी में मंगलवार को भोले बाबा प्रवचन के दौरान मची भगदड़ में 27 लोगों की मौत हो गई है। जबकि कई घायल हुए हैं। एटा के सीएमओ डॉक्टर उमेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल लाया गया है। वहीं घायल महिला और बच्चों को इलाज के लिए एटा मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है।

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दरअसल हाथरस जिले में भोले बाबा का सत्संग हो रहा था, सत्संग के समापन अवसर पर भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में करीब 27 लोगों के मौत की हो गई है। वहीं अब तक इस घटना में 50 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं शामिल है। वहीं घायल महिलाओं और बच्चों को इलाज के लिए एट मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।

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हाथरस में हुए दर्दनाक हादसे का सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। उन्होंने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। सीएम योगी ने अधिकारियों को फ़ौरन घटनास्थल पर जाकर जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने सभी घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। वहीं मिली जानकारी के अनुसार शवों के अस्पताल पहुँचने में और इजाफा होने की सम्भावना है।

मंगलवार को सिंकदराराऊ क्षेत्र के मुगलगढ़ी गांव में भोले बाबा के सत्संग के कार्यक्रम  के दौरान अचानक भगदड़ मच गई। सत्संग में पहुंचे 23 महिलाएं समेत 27 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों की सख्या बढ़ भी सकती है। ऐसी आशंका जताई जा रही। हादसे की सूचना मिलते ही जिला और पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम ने गंभीर अवस्था में श्रद्धालुओं को अस्पताल में भर्ती कराया है।

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प्रत्यक्षदर्शी ज्योति ने बताया, "हम सत्संग में गए हुए थे, वहां पर बहुत सारी भीड़ थी, रास्ता बिल्कुल जाम था, निकलने के लिए बिल्कुल जगह नहीं थी। मैं और मेरी मम्मी खेत की तरफ से निकल रहे थे तभी जगह नहीं होने के चलते धक्कामुक्की हो गई। इनमें से कई लोगों की मौत हो गई जबकि मेरी मां की हालत गंभीर है। एक-दूसरे को लोग धक्का दे रहे थे। सत्संग खत्म होने के बाद ऐसा हुआ, हर कोई बाहर निकलना चाहता था।"

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सीएम योगी ने व्यक्त की संवेदना 

हाथरस में हुई घटना को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा है कि जनपद हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। उन्होंने लिखा कि संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए हैं। 

सीएम योगी ने एक्स पर लिखा, ''उत्तर प्रदेश सरकार में मा. मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी जी, श्री संदीप सिंह जी घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं तथा प्रदेश के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को घटना स्थल पर पहुंचने हेतु निर्देशित किया है। ADG, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान तथा घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें''।

घटना के कारणों की कमेटी करेगी जांच

मिली जानकारी के अनुसार एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। बताया जा रहा है कि अलीगढ़ मंडल के वरिष्ठ अफसर की कमेटी हाथरस में हुई इस घटना की जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी।

डीजीपी घटनास्थल के लिए हो रहे रवाना

हाथरस में हुई घटना को लेकर डीजीपी लखनऊ से घटनास्थल के लिए रवाना हो रहे हैं। वहीं घटना को लेकर तत्परता दिखते हुए मुख्य सचिव भी सीएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से हाथरस भेजे गए हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जताया दुख

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, "उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में हुआ हादसा अत्यंत पीड़ादायक है। इस दुर्घटना में जिन्होंने अपनों को खोया है, उन शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन सभी पीड़ितों की हरसंभव मदद कर रही है।"

क्या बोले हाथरस के डीएम...

हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार ने कहा, "जिला प्रशासन काम कर रहा है। घायलों को अस्पताल ले जाया जा रहा है और लोगों का इलाज जारी है। डॉक्टरों ने मुझे करीब 50-60 लोगों की मौत का आंकड़ा बताया है। कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति SDM ने दी थी और यह एक निजी आयोजन था। मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। प्रशासन की प्राथमिकता घायलों और मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद मुहैया कराना है।"