मुरादाबाद : जिला अस्पताल में जल्द मिलेगी बेरा परीक्षण की सुविधा, मिले रुपये

रोगी के बहरेपन की जांच को अस्पताल में आने वाली है बेरा मशीन, मशीन खरीदने को महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं को शासन से निर्देश

मुरादाबाद : जिला अस्पताल में जल्द मिलेगी बेरा परीक्षण की सुविधा, मिले रुपये

मुरादाबाद, अमृत विचार। जिला अस्पताल में मूक बधिर दिव्यांगजन की दिव्यांगता परीक्षण के लिए जल्द ही बेरा (ब्रेन स्टेम एवोक्ड रिस्पांस ऑडियोमेट्री) मशीन आने वाली है। इसके लिए शासन के सचिव शिव सहाय अवस्थी ने 26 जून को ही महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं को निर्देश जारी कर दिए हैं। अभी तक जिला अस्पताल में मूक बधिर दिव्यांगजन की दिव्यांगता परीक्षण के लिए ये सुविधा नहीं है, लेकिन अब यह नई व्यवस्था होने जा रही है। सुविधा होने के बाद जरूरतमंदों को जहां विकलांग प्रमाण पत्र बनवाना आसान हो जाएगा, वहीं वह अपनी जांच के बाद इलाज भी करा सकेंगे।

बेरा मशीन से कान के मरीजों की सुनने की क्षमता का पता लगाया जाता है। अभी तक जिला अस्पताल में ये सुविधा नहीं होने से जरूरतमंदों को विकलांग प्रमाण पत्र बनने में अड़चन आ रही हैं। निजी चिकित्सालयों की जांच महंगी पड़ रही है। जिला अस्पताल में नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि बीते कई सालों से इस मशीन की मांग की जा रही थी। इस मशीन के आ जाने से एक ओर जहां चिकित्सकों को बहरापन जानने में सहायता मिलेगी, वहीं दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए भी मशीन से रिपोर्ट आसानी से मिल जाएगी। यह मशीन रोगियों में कितना बहरापन है, इसे तुरंत बता देती है। 


उन्होंने बताया कि बेरा मशीन का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि अब बहरेपन का कोई भी फर्जी हैंडिकेप्ट प्रमाण पत्र नहीं बन सकेगा। इससे डॉक्टरों को भी सुरक्षा मिलेगी। उन्होंने बताया कि अभी तक जिला अस्पताल में बेरा मशीन न होने से जरूरतमंदों को टीएमयू में रेफर किया जाता है। वैसे यह जांच प्राइवेट अस्पताल में काफी महंगी है। करीब 4,000 रुपये खर्च होते हैं। उन्होंने बताया कि मंडलीय अस्पताल में आसपास जिलों जैसे संभल, रामपुर, अमरोहा, बिजनौर के जरूरतमंद बहरेपन की जांच कराने को आते हैं। अस्पताल में फिलहाल के लिए ऑडियो मेट्री मशीन है। इसी से बहरेपन की जांच की जाती है। लेकिन, यह मशीन इतनी अधिक कारगर नहीं है।

क्या है बेरा परीक्षण
ईएनटी सर्जन डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि बेरा परीक्षण इस बारे में जानकारी प्रदान करता है कि क्या तंत्रिकाएं मस्तिष्क तक ध्वनि आवेगों को पहुंचाती हैं और क्या ध्वनि वितरण की गति सामान्य सीमा के भीतर है। यह श्रवण परीक्षण बच्चे की असामान्यता (संवाहक या संवेदी), गंभीरता (श्रवण सीमा) और श्रवण हानि (आंतरिक कान या अन्य भाग) के प्रकार को निर्धारित करता है।

जब कोई मूक बधिर परीक्षण के लिए आता है तो उसे हम मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर करते हैं। ओपीडी में सोमवार व मंगलवार को रोगियों की संख्या अधिक रहती है। अभी सोमवार को वाह्य रोगियों की संख्या 1400 रही है।- डॉ. संगीता गुप्ता, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक एवं मंडलीय अपर निदेशक

ये भी पढ़ें ; मुरादाबाद : 193 गांवों में मंडराया बाढ़ का खतरा, 35 बाढ़ चौकियां बनी

ताजा समाचार

बदायूं: हत्या के 24 दिन बाद वायरल हुआ वीडियो, आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
Kanpur: लखनऊ गई हैलट की दुलारी: नम हुईं आंखें, रह गईं यादें, राजकीय बाल गृह में होगा बच्ची का पालन-पोषण
शाहजहांपुर: हत्या की रिपोर्ट दर्ज करने को लेकर अस्पताल गेट पर जाम की सड़क, इंस्पेक्टर-दरोगा के निलंबन की उठाई मांग
प्रयागराज: बहुचर्चित अपहरण कांड में डॉन बबलू श्रीवास्तव व उसका भतीजा दोषमुक्त
लखीमपुर खीरी: कांवड़ यात्रा हो या मोहर्रम, नई परंपरा को अनुमति नहीं...डीएम की दो टूक
पीलीभीत: प्लाट मालिक कोई और...जालसाजी कर दूसरों ने कर दिया सौदा, ठग लिए चार लाख...अब लिखी FIR