इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों से पीड़ित को त्वरित मिलेगा न्याय : डीआईजी

नोक-नुक्कड़ पर लोगों को जागरूक कर रहे पुलिसकर्मी, सात साल की सजा के केस में प्रारंभिक जांच के बाद दर्ज होगी रिपोर्ट

इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों से पीड़ित को त्वरित मिलेगा न्याय : डीआईजी

मुरादाबाद, अमृत विचार। भारतीय दंड संहिता अब एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता में बदल गई है। इसके लिए महीनों से अधिकारियों, कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था। आखिरी दिन 30 जून को आईपीसी की धाराओं में विभिन्न थानों के केस दर्ज किए गए हैं। पुराने लंबित मामलों को लिखने का काम भी रविवार रात तक चला। अब सोमवार से भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की नई धाराओं के तहत मामले दर्ज जाएंगे। वहीं कटघर थाने में नए कानून के तहत पहली प्राथमिकी दर्ज की गई। जहां पर डीआईजी मुनिराज जी व एसएसपी सतपाल अंतिल भी मौजूद रहे। उन्होंने नए कानून के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया है।

सोमवार से लागू हुए नए कानून को लेकर डीआईजी ने बताया है कि, आधुनिक तकनीक का भरपूर इस्तेमाल और इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों को कानून का हिस्सा बनाने से मुकदमों को जल्दी निपटाने में आसानी मिलेगी। शिकायत, सम्मन और गवाही की प्रक्रिया में इलेक्ट्रानिक माध्यमों के इस्तेमाल से न्याय की रफ्तार तेज होगी। उन्होंने ने बताया है कि, नए कानून से मुकदमे जल्दी निपटेंगे और तारीख पर तारीख का दिन खत्म हो जाएगा। जिले के सभी थानों में नऐ कानून के प्रति जागरूकता का अभियान चलाया जा रहा है। पुलिसकर्मी नोक-नुक्कड़ पर लोगों को तीन नए कानूनों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

शिकायत के तीन दिन बाद दर्ज होगी एफआईआर: मुनिराज जी ने बताया है कि, आपराधिक मुकदमे की शुरुआत एफआईआर से होती है। नए कानून में तय समय सीमा में एफआईआर दर्ज करना और उसे अदालत तक पहुंचाना सुनिश्चित किया गया है। वहीं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) में व्यवस्था है कि शिकायत मिलने पर तीन दिन के अंदर एफआईआर दर्ज होगी। तीन से सात साल की सजा के केस में 14 दिन में प्रारंभिक जांच पूरी करके एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसके बाद 24 घंटे में तलाशी रिपोर्ट के बाद उसे न्यायालय के सामने रख दिया जाएगा।

नए कानून के तहत दर्ज हुआ पहला केस
कटघर थाना क्षेत्र के डबल फाटक निवासी नीलम का नए कानून के तहत पहला मामला दर्ज किया गया है। जिसमें अब आईपीसी 323, 504,506 की जगह 115(2), 352 और 351 (2) के तहत बीएनएस में मारपीट और धमकी का केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि, सोमवार को पति विकास से कहासुनी हो गई। विरोध करने पर विकास ने उसके साथ मारपीट कर दी। पुलिस से शिकायत करने पर धमकी दी है।

नए कानून को लेकर क्या बोले अधिवक्ता
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक शर्मा ने कहा कि, सोमवार से लागू हुए नए कानून पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए त्वरित रूप कार्य करेंगे। नए कानून से मुकदमे जल्दी निपटेंगे और तारीख पर तारीख का दिन खत्म हो जाएगा।अब पीड़ित को जल्दी न्याय मिलेंगे। उन्होंने बताया है कि, नए कानून में कुछ प्रावधान ऐसे हैं जो पुलिस को ऐसी शक्ति प्रदान करते हैं जो आम जनता के हित में नहीं है। जिसमें पुलिस को कुछ और शक्तियां प्रदान की गईं हैं।

सोमवार से तीन नए कानून लागू हुए हैं। इसके प्रति लोगों की जागरूकता के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जिले के सभी पुलिसकर्मी नोक-नुक्कड़ पर बैठकर लोगों को नए कानूनों के बारे में जानकारी रहे हैं। अब नए कानून के तहत ही मामले दर्ज किए जाएंगे। इससे पीड़ित को त्वरित न्याय मिलेगा।-मुनिराज जी, डीआईजी रेंज मुरादाबाद

नए कानून को लेकर पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। सभी थानों के प्रभारी निरीक्षकों को जागरूकता अभियान के लिए निर्देशित किया गया है। वहीं विवेच भी संवेदनशीलता दिखाने के साथ-साथ लोगों को
जागरूक करेंगे।-सतपाल अंतिल, एसएसपी

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