बेपरवाही: बारिश से पहले नहीं किए ध्वस्त, अब जर्जर स्कूल भवन गिरना शुरू

बेपरवाही: बारिश से पहले नहीं किए ध्वस्त, अब जर्जर स्कूल भवन गिरना शुरू

बरेली, अमृत विचार। बारिश से पहले जर्जर परिषदीय स्कूलों के भवनों को चिह्नित कर ध्वस्त कराना था लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अब बारिश के मौसम में जर्जर स्कूलों के भवनों का गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है। बुधवार रात बारिश के बीच हरुनगला उच्च प्राथमिक स्कूल का जर्जर भवन ढह गया। गनीमत रही कि यह हादसा रात में हुआ, अगर दिन में होता तो बच्चे और शिक्षक मलबे की चपेट में आ सकते थे।

गुरुवार सुबह आठ बजे प्रधानाध्यापक सोमवती विद्यालय पहुंचीं तो उन्हें इसकी जानकारी हुई। उन्होंने तत्काल सूचना विभागीय ग्रुप में दी। बीईओ तौसीफ अहमद ने स्कूल का निरीक्षण कर पूरे भवन को ध्वस्त कराने के निर्देश दिए। विद्यालय में कुल 112 बच्चे पंजीकृत हैं। हालांकि, जर्जर भवन में शिक्षण कार्य नहीं होता था।

विद्यालय के दूसरे हिस्से में बने कक्ष में शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं। प्रधानाध्यापक के अनुसार ध्वस्त भवन की ओर बच्चों को जाने से पूरी तरह रोक दिया गया है। बताया कि बीएसए दफ्तर में कई बार पत्र देकर जर्जर भवन को ध्वस्त कराने की मांग की जा चुकी है, लेकिन अभी तक इस स्कूल भवन का मूल्यांकन नहीं कराया गया है।

30 जर्जर स्कूल भवनों को नहीं कराया ध्वस्त
जिले में 30 से अधिक जर्जर स्कूल भवन हैं। विभाग ने अभी तक इन्हें ध्वस्त नहीं कराया है। ऐसे में बच्चों की जान खतरे में है। बारिश के चलते बुधवार को बीएसए संजय सिंह ने सभी प्रधानाध्यापकों को पत्र जारी कर बच्चों को सुरक्षित कक्षाओं में शिक्षण कार्य कराने के निर्देश दिए थे। इसमें जर्जर स्कूल भवनों को चिह्नित कर दीवारों पर लाल रंग से निष्प्रोज्य लिखवाने को कहा था।

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