बरेली: कल से लागू हो जाएगी भारतीय न्याय संहिता, बदल जाएंगी ये धाराएं

बरेली: कल से लागू हो जाएगी भारतीय न्याय संहिता, बदल जाएंगी ये धाराएं

बरेली, अमृत विचार : देश भर में एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता को लागू किया जा रहा है। इसको लेकर पुलिस कर्मियों को पुलिस लाइन में एसपी यातायात शिवराज के निर्देशन में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। करीब तीन हजार पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

मास्टर ट्रेनर एसपी यातायात ने बताया कि हत्या की धारा अब 302 न होकर 103 (1), ठगी या धोखाधड़ी 420 अब 118(4), चोरी 379 अब 303 (2), दुष्कर्म 376 अब आईपीसी 64 बीएनएस कहलाएंगी। भारतीय दंड संहिता में 511 धाराएं थीं, लेकिन भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में अब 358 धाराएं होंगी। पहली बार मॉब लिंचिंग की धारा जोड़ी गई है। इसमें मृत्यु पर धारा 103 (2) में मुकदमा दर्ज होगा। इस मामले में मृत्युदंड तक का प्रावधान है। महिला और बाल अपराध के मामले में पुलिस को अधिकतम 60 दिन में विवेचना पूरी करनी होगी। ट्रायल भी 60 दिन में पूरा होगा।

उन्होंने बताया कि बीएनएस को लेकर पुलिस कर्मियों में किसी तरह का असमंजस नहीं है। रविवार को 2500 सिपाहियों, मुख्य आरक्षियों और पांच सौ उपनिरीक्षकों की ट्रेनिंग पूरी हो जाएगी। 100 इंस्पेक्टर को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है। एक जुलाई को थानों में पोस्टर लगाकर लोगों के साथ बैठक की जाएगी और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के संबंध में जानकारी दी जाएगी। बताया कि पुलिस कर्मियों को अपर निदेशक अभियोजन अवधेश पांडेय और उनकी टीम प्रशिक्षण दे रही है। धाराओं के संबंध में पुलिस कर्मियों को पुस्तिका भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे रिपोर्ट दर्ज करते वक्त उनसे किसी तरह की चूक न हो।

धाराओं से संबंधित थानों में लगेंगे बोर्ड
बीएनएस के संबंध में पुलिस कर्मियों को पहले से ही जानकारी दी जा रही है। थानों में धाराओं से संबंधित बोर्ड लगाए जाएंगे, ताकि थानाध्यक्ष और विवेचकों को नई धाराओं के विषय में जानकारी मिल सके।

महिला अपराध की 60 दिन में करनी होगी विवेचना
एसपी यातायात के अनुसार किशोर, किशोरी, युवती, महिला अपराध में 60 दिन में विवेचना पूरी करनी होगी। 60 दिन में ही कोर्ट में ट्रायल शुरू करना होगा। ऐसा न करने पर विवेचक के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। महिलाओं से चेन, पर्स और मोबाइल छीनने के मामलों में धारा 304 लगाई जाएगी।

बीमार व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए लेनी होगी अनुमति
भारतीय न्याय संहिता के तहत तीन वर्ष से कम सजा के मामलों में किसी बीमारी से ग्रस्त या 60 वर्ष से अधिक उम्र के आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एसपी या एसएसपी से अनुमति लेनी होगी।

ये किए गए हैं बदलाव
भारतीय दंड संहिता में दुष्कर्म के मामले धारा 376 में दर्ज होते थे, लेकिन अब यह धारा 63 में दर्ज होंगे। स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग - 354 के स्थान पर अब धारा 74 में रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। लैंगिक उत्पीड़न की धारा - 354 क को अब धारा 75 में दर्ज किया जाएगा। हत्या के प्रयास में धारा 308 के तहत कार्रवाई होती थी लेकिन अब धारा 110 में मुकदमे दर्ज होंगे। घर में चोरी होने पर धारा 380 का प्रयोग होता था, वहीं अब बीएनएस में ये मामले धारा 305 में दर्ज होंगे। लूट में धारा 392 लगती थी, लेकिन अब धारा 309 (4) लगेगी। डकैती में आईपीसी की धारा 395 के तहत मुकदमे दर्ज होते थे, अब यह मामले 310 (2) में दर्ज होंगे।

एक जुलाई से लागू होने वाले नए कानून आज को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, उनसे लोगों को त्वरित न्याय मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा। न्याय संहिता में कुछ धाराओं को विलोपित कर वर्तमान के अनुकूल धाराओं को जोड़कर आमजन के अनुरूप बनाया गया है- अनुज कुमार गंगवार एडवोकेट, जनपद न्यायालय बरेली

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