Bareilly News: अस्पताल से बच्चा चोरी, पुलिस ने मालिक और स्टाफ को हिरासत में लिया

Bareilly News: अस्पताल से बच्चा चोरी, पुलिस ने मालिक और स्टाफ को हिरासत में लिया

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बरेली, अमृत विचार। डोहरा रोड पर अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया एक महीने का बच्चा रविवार रात चोरी हो गया। कई घंटे बाद अस्पताल के स्टाफ ने परिवार के लोगों को सूचना दी तो उनमें हड़कंप मच गया। पूरे दिन खोजबीन के बाद भी बच्चे का कुछ पता नहीं चला। प्रारंभिक जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज कर बारादरी पुलिस ने शक के घेरे में आए अस्पताल के मालिक और स्टाफ के कई लोगों को हिरासत में ले लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।

पीलीभीत के सुनगढ़ी गौंटिया में रहने वाले सुशील कुमार के मुताबिक एक महीने के बेटे इंद्रजीत की तबीयत खराब होने के बाद उन्होंने उसे 28 जून की सुबह करीब 9 बजे डोहरा रोड पर अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया था। उसे अस्पताल में एनआईसीयू में रखा गया था। वहां से वह 30 जून की रात करीब ढाई बजे गायब हो गया। 

अस्पताल में ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों ने इसकी जानकारी उन्हें सोमवार सुबह करीब 6 बजे दी। उन्होंने काफी तलाश किया लेकिन बच्चे का कुछ पता नहीं चल सका। सुशील कुमार की तहरीर पर बारादरी पुलिस ने बच्चा चोरी के मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

बच्चे और उसे चुराने वाले की तलाश के लिए पुलिस की तीन टीमें बनाई गई हैं। शक है कि अस्पताल के स्टाफ ने ही बच्चा चुराया है। पुलिस के मुताबिक जांच में पता चला कि अपोलो अस्पताल के एनआईसीयू में सुशील का बेटा इंद्रजीत अकेले भर्ती था। अस्पताल में ही उसका पूरा परिवार था। इसके बावजूद रात में ढाई बजे बच्चा चोरी होने के बाद स्टाफ ने परिवार को सुबह इसकी जानकारी दी।

स्वास्थ्य विभाग पर फिर सवाल, जिस इमारत में कुछ देर रुकना मुश्किल, उसमें भी अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग की छत्रछाया में कैसे-कैसे अस्पताल चल रहे हैं, बच्चा चोरी की घटना के बाद यह सवाल फिर खड़ा हो गया। पुलिस के मुताबिक अस्पताल का इकलौता गेट काफी तंग है। अंदर घुमावदार गैलरी भी काफी संकरी है जिसमें घुसते ही घुटन महसूस होती है। हालत यह थी कि जिस एनआईसीयू में बच्चा भर्ती था, उसमें एसी और कूलर तक नहीं लगा है। 

इकलौता पंखा इतना धीमा चल रहा था कि गर्मी और घुटन से बेहाल लोग बार-बार पसीना पोंछ रहे थे। अस्पताल में ऊपर जाने के लिए बना लोहे का जीना भी काफी खतरनाक है। बेहद घुमावदार और बीच में गैप होने के कारण बच्चे या बुजुर्ग गिर और फंस सकते हैं। पीलीभीत का परिवार भी जैसे-तैसे वक्त काट रहा था। चार दिन से उनका बच्चा बॉडी वार्मर में रखा था। पिता सुशील के मुताबिक उसकी उल्टी नहीं रुक रही थीं। पीलीभीत के डॉक्टर ने उसे बरेली में दिखाने को कहा था। एक एंबुलेंस वाला कम खर्च में बेहतर इलाज कराने की बात कहकर उन्हें अपोलो अस्पताल लाया था। यहां डॉक्टर ने दस हजार रुपये पहले ही दिन ले लिए थे। सोमवार को बीस हजार रुपये जमा करने थे, इससे पहले यह घटना हो गई।

पुलिस को गुमराह कर स्टाफ ने सुशील के भाई को ही पकड़वा दिया
सुबह पुलिस मौके पर पहुंची तो अस्पताल के स्टाफ ने खुद को बेकसूर बताते हुए सुशील के भाई को ही कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया। पुलिस को बताया कि वह नशा करता है और उन लोगों से नशे के लिए पैसे भी मांग रहा था। इस पर पुलिस ने सुशील के भाई को थाने लाकर पूछताछ की तो पता चला कि अस्पताल स्टाफ गुमराह कर रहा है। इस पर पुलिस ने उसे छोड़कर अस्पताल के मालिक और कई कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। पूछताछ के बाद पुलिस का यह शक और गहरा हो गया कि अस्पताल के ही किसी कर्मचारी ने बच्चा चुराया है।

अस्पताल में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं, बाहर लगे कैमरे की फुटेज की छानबीन
पुलिस को जांच के दौरान अस्पताल में एक भी सीसीटीवी कैमरा लगा नहीं मिला। घटना के बाद वहां कैमरे लगाने शुरू किए गए। पुलिस ने अस्पताल के बाहर एक दुकान के सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो फुटेज में करीब ढाई बजे सफेद शर्ट पहनकर एक युवक अस्पताल से जाता दिखा। हालांकि उसके हाथ में बच्चा नहीं है। पुलिस उस युवक का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

अस्पताल में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। अस्पताल के मालिक के साथ कई कर्मचारियों को थाने बुलाकर पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच में अस्पताल के कर्मचारी ही शक के घेरे में है। जल्द ही बच्चा बरामद कर लिया जाएगा। - अमित पांडे, थाना प्रभारी बारादरी

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