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आत्मनिर्भरता के तहत
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आज वैश्विक समीकरण बदल रहे हैं। वर्तमान दौर की लड़ाईंयां नया रूप ले रही हैं। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद भारत की सुरक्षा चुनौतियों में से एक है। आने वाले दिनों में जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पाकिस्तान को साधना भारत की सुरक्षा के लिए एक और चुनौती है। पाकिस्तान ने पहले ही देश के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ रखा है।
इस बीच थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को कहा कि भारतीय सेना देश के समक्ष सभी मौजूदा और भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार व पूरी तरह सक्षम है। भारतीय सेना आत्मनिर्भरता के जरिए अपनी क्षमता विकास और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। वह रक्षा में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए सेना में स्वदेश निर्मित सैन्य उपकरणों को शामिल करने को प्रोत्साहित करेंगे।
आज भारतीय सेना आधुनिकीकरण के पथ पर अग्रसर है। उस दिशा में आत्मनिर्भरता को हासिल करने के लिए सेना पूरी तरह से तैयार है। क्योंकि महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के लिए आयात पर निर्भर होने से विशिष्ट क्षेत्रों में पीछे रह जाने का जोखिम है। थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा भी है कि वह रक्षा में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए सेना में स्वदेश निर्मित सैन्य उपकरणों को शामिल करने को प्रोत्साहित करेंगे। भारतीय सेना का आत्मनिर्भरता के तहत आधुनिकीकरण करना और तीनों सेनाओं का तालमेल उनकी प्राथमिकता में शामिल है।
आत्मनिर्भर होने, स्वदेशी अनुसंधान और विकास के माध्यम से महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता हासिल करने में भारतीय सेना के परिवर्तन की राह निहित है। आधुनिक, चुस्त, अनुकूलनीय, प्रौद्योगिकी सक्षम और आत्मनिर्भर भविष्य के लिए तैयार सेना को आकार देने के प्रयास उसी दिशा में उठाए गए कदमों का हिस्सा है। महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रहित की सुरक्षा से ही विकसित भारत का सपना पूरा होगा। आज देश चीन और पाकिस्तान द्वारा पेश की गई राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर सकता है।
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