Barabanki: प्रशासक बन छह माह में किया 13.80 करोड़ का भुगतान, दबी थी जांच

Barabanki: प्रशासक बन छह माह में किया 13.80 करोड़ का भुगतान, दबी थी जांच

Highlight


--पंचायत चुनाव के दौरान दिसंबर 2021 से मई 2022 तक एडीओ बने थे प्रशासक
--वित्तीय अनियमितताओं की आशंका, अब होगी जांच, मचा हड़कंप

बाराबंकी, अमृत विचारः ढाई वर्ष पहले हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान नियुक्त हुए प्रशासकों द्वारा छह माह के अंदर ग्राम निधि से करीब 13 करोड़ 80 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया गया। यह भुकतान विकास कार्यों पर खर्च को लेकर फर्माें को किया था। इस बीच भारी-भरकम धनराशि खर्च होने में वित्तीय अनियमितताएं होने की संभावना जताई गई है। इसे लेकर पंचायती राज निदेशक के निर्देश पर संबंधित ब्लाॅक के ग्राम पंचायतों में जांच कराने के निर्देश दिए। इसे लेकर संबंधितों में हड़कंप मच गया है। पंचायत चुनाव के दौरान जिलाधिकारी द्वारा संबंधित ब्लॉक के एडीओ पंचायत को ही प्रशासक के रुप में नियुक्त किया गया था। दो माह पहले अप्रैल में निदेशक ने पत्र भेज दिए थे। जांच के आदेश लेकिन जिम्मेदारों द्वारा लोकसभा चुनाव का बहाना बताकर जांच नहीं की गई। अब दोबारा जांच के आदेश दिए गए हैं।


जिले में 15 ब्लॉकों पर उस समय 1161 ग्राम पंचायतें थी। इन सभी ग्राम पंचायतों में वर्ष 2021 में दिसंबर माह में प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। जिसे लेकर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत प्रधानों का चुनाव कराने तक जिलाधिकारी द्वारा एडीओ पंचायत को इस उद्​देश्य से बतौर प्रशासक के तौर पर नियुक्त किया गया था कि गांव के विकास कार्य या ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ पाने में दिक्कतें न हो सके। चुनाव काफी देरी से कराए गए थे। इस बीच छह के लिए एडीओ प्रशासक बने रहे थे। गौर करने वाली बात यह रही कि इन प्रशासकों ने सचिवों के माध्यम से दिसंबर 2021 से लेकर मई 2022 तक यानी छह माह के भीतर ग्राम निधि के खाते से 13 करोड़ 80 लाख 97 हजार 531 रुपये की धनराशि खर्च कर डाली थी। यह भारी-भरकम धनराशि विकास कार्यों को लेकर फर्माें को करने की बात कही गई थी। बताते चले कि 5 मई को प्रधान नियुक्त हुए थे और 25 मई को शपथ दिलाई गई थी। इस बीच यह धनराशि 20 दिनों के अंदर खर्च कर फर्मों को भुगतान करने का मामला सामने आया था। ऐसे में बीस दिनों के अंदर फर्मों को भारी-भरकम धनराशि का भुगतान करने में वित्तीय अनियमितताएं होने की आशंका जताई गई थी। यह वजह है कि शासन ने अप्रैल माह में इसकी जांच कराने के निर्देश जारी किए थे लेकिन जिले में इसकी जांच दबाने का प्रयास किया गया था। बताया गया था कि लोकसभा चुनाव है। अब दोबारा निदेशक पंचायती राज द्वारा पंचायती राज विभाग को इस संबंध में पत्र भेजा है। इसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। डीपीआरओ नितेश भोंडेले ने बताया कि निदेशालय से पत्र मिला है। जांच कराई जाएगी।


मंडल में अमेठी और अयोध्या से ज्यादा है धनराशि
प्रशासक के तौर पर मलाई कटाने वाले तत्कालीन एडीओ पंचायताें द्वारा मंडल के अंदर अमेठी और अयोध्या जिलों से अधिक धनराशि का भुगतान कर डाला था। अमेठी जिले ने जहां 8.42 करोड़ की धनराशि खर्च की थी। वहीं अयोध्या जिले द्वारा 11.24 करोड़ रुपये का भुगतान फर्माें को किया गया था। जबकि बाराबंकी में सबसे अधिक 13 करोड़ 80 लाख का भुगतान बीस दिनों के अंदर कर डाला गया था। वहीं आंबेडकर नगर और सुल्तानपुर का नाम इस मामले में सामने नहीं आया है।

ब्लॉकवार भुगतान पर एक नजर
बनीकोडर-- 1,35,83,699
बंकी--  1,49,77,387
दरियाबाद- 93,71,286
देवा-- 1,41,29,245
फतेहपुर- 2,50,60,852
हरख-- 59,09,451
मसौली--89,74,653
निंदूरा--1,28,86,533
पूरेडलई-- 20,95,461
रामनगर--39,97,008
सिद्धौर-- 7,70,3269
सिरौलीगौसपुर--71,75,310
सूरतगंज- 99,79,772
त्रिवेदीगंज- 22,53,604

वहीं इस दौरान हैदरगढ़ ब्लॉक में कोई भुगतान नहीं किया गया।

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