बरेली: अनाथ लड़कियों ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार...अनाथालय से उन्हें न हटाया जाए

आर्य समाज अनाथालय में रह रही तीनों लड़कियों ने पत्र लिखकर की फरियाद, प्रधान और मंत्री पर लगाए कई गंभीर आरोप

बरेली: अनाथ लड़कियों ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार...अनाथालय से उन्हें न हटाया जाए

बरेली, अमृत विचार। आर्य समाज अनाथालय की लड़कियों ने अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अपनी करुण गाथा बयां की है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने जब होश भी नहीं संभाला था, तब अनाथालय में आई थीं। अनाथालय ही अब उनका घर बन गया है। और कहीं न रहने का ठिकाना है न सुरक्षा का भरोसा। इसके बावजूद प्रबंध कमेटी के लोग भूमाफिया की साठगांठ से उन्हें बाहर निकालकर 140 साल पुराने अनाथालय की जमीन खुर्दबुर्द रचने की साजिश रच रहे हैं।

अनाथालय में रह रही मंजू पाल, शीलू और मोहिनी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उनका आश्रय न छिनने देने की फरियाद की है। उन्होंने कहा है कि होश संभालने के बाद से उन्होंने अनाथालय में निराश्रित बच्चों का पालन-पोषण और पढ़ाई-लिखाई होते देखी है, लेकिन 2023 की शुरुआत से एकाएक सबकुछ बदल गया। ओमकार आर्य के अनाथालय का प्रधान बनने के बाद प्रबंध कमेटी ने भूमाफिया से साठगांठ कर अनाथालय की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने का षडयंत्र रचना शुरू कर दिया। तमाम बेसहारा लड़कियों को यह सोचे बगैर अनाथालय से निकाल दिया गया कि वे कहां जाएंगी, कैसे पेट भरेंगी और उनकी सुरक्षा कैसे होगी।

लड़कियों का कहना है कि कूट-कपट और दबाव डालकर उनसे भी एकपक्षीय एग्रीमेंट करा लिया गया। अब 30 जून से अनाथालय खाली करने के लिए जबर्दस्ती की जा रही है। प्रबंध कमेटी लगातार दान ले रही है लेकिन एग्रीमेंट की आड़ में प्रधान और मंत्री ने पूरी तरह निराश्रित होने के बावजूद उनकी सभी सुविधाएं खत्म कर दी हैं। अनाथालय छोड़ने के लिए उन्हें लगातार धमकियां दी जा रही है। अनाथ लड़कियों ने कहा है कि वे जब तक पूरी तरह अपना भरण-पोषण करने के लिए सक्षम नहीं हो जातीं. तब तक अनाथालय में ही रहना चाहती हैं।

अनाथालय पहुंची जांच टीम, लड़कियों ने प्रधान और मंत्री पर लगाए साजिश के आरोप
डीएम के आदेश पर लड़कियों को बाहर निकालकर नियमावली के विरुद्ध आर्य समाज अनाथालय को बंद करने की दोबारा जांच शुरू हो गई है। मंगलवार को अनाथालय पहुंची जांच टीम ने तीनों लड़कियों को अलग-अलग बैठाकर उनसे पूछताछ की। तीनों लड़कियों ने प्रबंध कमेटी पर जबरन अनाथालय से निकालने और उनके साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप लगाए।

मंजू, शीलू और मोहिनी ने बताया कि अनाथालय के प्रधान और मंत्री ने उनसे 30 जून तक अनाथालय छोड़ने का एग्रीमेंट दबाव डालकर जबरन कराया है। कई दिनों से लगातार अनाथालय न छोड़ने पर उन्हें अलग-अलग तरह की धमकियां भी दोनों दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग जब तक अपने भरण-पोषण के लिए आत्मनिर्भर नहीं हो जातीं, तब तक अनाथालय से नहीं जाना चाहतीं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रबंध कमेटी गलत तरह से अनाथालय बंद करने की कोशिश कर रही है। इसमें उन्हें गहरी साजिश होने की आशंका है।

कितना क्षेत्रफल... किसके नाम
जांच टीम ने अनाथालय में काफी देर रहकर अलग-अलग बिंदुओं पर जांच की। टीम ने जांच के दौरान यह भी देखा कि अनाथालय कुल कितने क्षेत्रफल में बना है और किस गाटा नंबर पर किसका नाम दर्ज है।

प्रधान ने कीं गोलमोल बातें, बयान दर्ज कराने के लिए मांगा समय
जांच टीम ने अनाथालय के प्रधान ओमकार आर्य से भी कई सवाल किए लेकिन उसने कभी गोलमोल जवाब दिया तो कभी जवाब देने से ही इन्कार कर दिया। उसने इसे भी गलत बताया कि वह अनाथालय बंद करने जा रहा है और इसके लिए लड़कियों को जबरन बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक जांच टीम ने प्रधान से अनाथालय को बंद करने, लड़कियों को नोटिस देने, जबरन एग्रीमेंट कराने और अभद्रता कर अनाथालय से निकलने का दबाव डालने जैसे कई सवाल किए। बताया जा रहा है कि प्रधान ने किसी बात का स्पष्ट जवाब नहीं दिया। मौखिक तौर पर उसने कहा कि अनाथालय बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। लड़कियों को भी जबरदस्ती निकालने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। हालांकि जांच टीम ने लिखित बयान देने को कहा तो उसने इसके लिए समय मांग लिया।

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