IND vs SA: 17 साल बाद भारत ने जीता टी20 विश्वकप, फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 7 रन से हराया

IND vs SA: 17 साल बाद भारत ने जीता टी20 विश्वकप, फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 7 रन से हराया

बारबाडोस। एक अरब 40 करोड़ भारतीयों की दुआओं और उम्मीदों पर खरा उतरते हुये रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम ने एकजुटता,साहस और संयम के तालमेल का अदभुद प्रदर्शन करते हुये शनिवार को दक्षिण अफ्रीका को रोमांचक मुकाबले में सात रन से हरा कर टी20 विश्वकप 17 साल बाद भारत की झोली में डाल दिया। 

इससे पहले भारत के हाथ आईसीसी एक दिवसीय वर्ल्ड कप 2011 में आया था जिसके बाद भारत ने 2013 में चैंपियंस ट्राफी अपने नाम की थी। इस लिहाज से भारत के हाथ 11 साल बाद कोई आईसीसी ट्राफी हाथ आयी है। रोहित शर्मा और विराट कोहली के लिये यह विश्वकप काफी अहम था क्योंकि दोनो ही दिग्गज खिलाड़ी जल्द ही टी20 फार्मेट से सन्यास ले सकते हैं।

कोच राहुल द्रविड़ के लिये भी यह विश्वकप काफी मायने रखता था। द्रविड़ की कप्तानी भारत 2007 में एक दिवसीय विश्वकप में ग्रुप चरण में ही बाहर हो गया था। भारत ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करते हुये सात विकेट पर 176 रन बनाये जिसके जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम आठ विकेट पर 169 रन ही बना सकी। 

17 साल बाद यह पहला मौका है जब भारत ने टी20 विश्वकप को अपने नाम किया है। इससे पहले महेन्द्र सिंह धोनी की अगुवाई में 2007 में भारत ने पहली बार टी20 का विश्वकप जीता था। हाइनरिक क्लासन (52) और डेविड मिलर (21) की जाबांज बल्लेबाजी की बदौलत दक्षिण अफ्रीका आसानी से भारत द्वारा दिये गये लक्ष्य के करीब पहुंच रहा था और उसे 30 गेंदों पर 30 रन की दरकार थी। 

इस नाजुक मौके पर हार्दिक पांड्या (20 रन पर तीन विकेट) ने क्लासन का विकेट चटका कर भारत की उम्मीदों को हवा दी जिसके बाद सूर्य कुमार यादव ने हार्दिक की गेंद पर डेविड मिलर का बाउंड्री लाइन पर एक बेहतरीन कैच पकड़ कर मैच का रुख भारत की ओर मोड़ दिया। विराट कोहली (76) की सूझबूझ भरी अर्धशतकीय पारी और अक्षर पटेल (47) के साथ 72 रनों की महत्वपूर्ण भागीदारी की मदद से भारत ने सात विकेट पर 176 रनो का स्कोर खड़ा किया। लगभग पूरे टूर्नामेंट में खामोश रहने वाला विराट का बल्ला आज खिताबी मुकाबले में जम कर दहाड़ा। 

विराट ने मार्को जानसन के पहले ओवर में तीन चौके लगाकर अपने इरादों का इजहार किया। भारत ने पहले ओवर में 15 रन जुटाये,उस समय लग रहा था कि इस पिच पर 200 से ऊपर का स्कोर खड़ा हो सकेगा मगर दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने जबरदस्त वापसी करते हुये पहले पावर प्ले में ही भारत के तीन महत्वपूर्ण विकेट रोहित शर्मा (9), ऋषभ पंत (0) और सूर्यकुमार यादव (3) का विकेट झटक कर नीली जर्सी वाली टीम को बैकफुुट पर धकेल दिया और मैदान पर सन्नाटा छा गया। 

रोहित और ऋषभ के विकेट केशव महाराज ने निकाले जबकि सूर्य कुमार कैसिगो रबाडा की गेंद को पुल करने के प्रयास में डीप स्कैवयर लेग पर धरे गये। इस कठिन समय पर विराट का साथ देने आये अक्षर ने संयमित बल्लेबाजी करते हुये भारत के स्कोरबोर्ड को चलाया और दोनो बल्लेबाजों ने चौथे विकेट के लिये अहम 72 रन जोड़े। विस्फोट के साथ पारी की शुरुआत करने वाले विराट ने सूझबूझ का परिचय देते हुये बाउंड्री की बजाय विकेट के बीच दौड़ लगाने को प्राथमिकता दी जबकि आखिरी के ओवर में उन्होने गियर बदलते हुये अपने चिरपरिचित अंदाज में दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की बखिया उधेड़ कर रख दी। 

वह पारी के 19वें ओवर में मार्को यानसन का शिकार बने जब मिडिल और लेग में बैक आफ लेंथ गेंद को पुल करने के प्रयास में गेंद का बल्ले से संपर्क ठीक से नहीं हो सका और रबाडा ने दौड़ कर उनका कैच लपक लिया। उन्होने 59 गेंद खेल कर छह चौके और दो छक्के लगाये जबकि चौथे विकेट के रुप में रन आउट होने से पहले अक्षर ने 31 गेंद की पारी में एक चौका और चार छक्के जड़े। 

आखिरी के ओवर में शिवम दुबे (27) रन गति बढाने के प्रयास में अनरिख़ नॉर्खिये काे अपना विकेट थमा बैठे। रविंद्र जडेजा (2) भी नार्खिये का शिकार बने। पांड्या पांच रन बनाकर नाबाद लौटे। 177 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत अच्छी नहीं रही और दूसरे ओवर में जसप्रीत बुमराह ने रीजा हेंड्रिक्स (4) को बोल्ड कर पवेलियन भेज दिया। 

अगले ही ओवर में अर्शदीप सिंह ने कप्तान एडन मारक्रम (4) को आउट कर दक्षिण अफ्रीका को दूसरा झटका दिया। इसके बाद क्विंटन डिकॉक और ट्रिस्टन स्टब्स ने पारी को संभाला। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिये 58 रनों की साझेदारी हुई। इस साझेदारी को अक्षर पटेल ने नौवें ओवर में स्टब्स 21 गेंदों में (31) को आउट कर तोड़ा। हाइनरिक क्लासन बल्लेबाजी करने आये और उन्होंने डिकॉक के साथ मोर्चा संभाला। 

13वें ओवर में अर्शदीप सिंह ने डिकॉक 31 गेंदों में 39 रन को आउट कर पवेलियन भेज दिया। हाइनरिक क्लासन रुके नहीं और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 27 गेंदों में 52 रन जोड़ कर अपनी टीम को जीत की ओर अग्रसर कर दिया। 17वें ओवर की पहली गेंद पर हार्दिक पांड्या ने क्लासन को आउट कर मैच का रूख पलट दिया। इसके बाद बाद मार्को यानसन (2) बुमराह का शिकार बने। 

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