कानपुर के कार्डियोलॉजी संस्थान में बनेंगी तीन हाईटेक कैथलैब: शासन से मिली स्वीकृति, जल्द शुरू होगी टेंडर प्रक्रिया

दो लैब मेडिसिन और एक सर्जरी विभाग में बनाई जाएगी

कानपुर के कार्डियोलॉजी संस्थान में बनेंगी तीन हाईटेक कैथलैब: शासन से मिली स्वीकृति, जल्द शुरू होगी टेंडर प्रक्रिया

कानपुर, अमृत विचार। कॉर्डियोलॉजी संस्थान में बंद नसों को खोलने और बदलने का काम आसानी से किया जा सकेगा। मरीजों की एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, स्टंट या पेसमेकर लगाने, वाल्व बदलने और बाईपास सर्जरी के लिए इंतजार की दुश्वारी दूर होगी। इसके लिए संस्थान में तीन उच्च स्तरीय कैथलैब के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। शासन ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। अब टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। 

रावतपुर स्थित कार्डियोलॉजी संस्थान में सर्दी बढ़ने के कारण इस समय एक हजार के आसपास मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें औसतन 90 मरीजों को वैस्कुलर सर्जरी की जरूरत होती है। लेकिन कैथ लैब पुरानी होने से 40 से 45 मरीजों की ही सर्जरी हो पाती है, अन्य मरीजों को अगले दिनों की तारीख दे दी जाती है। वर्तमान में जो दो कैथ लैब संचालित हैं, उनमें मरीजों का अत्यधिक लोड होने से कभी-कभी मशीनें भी जवाब दे जाती हैं। 

इससे एंजियोप्लास्टी, एंजियोग्राफी, स्टंट और पेसमेकर के लिए आने वाले मरीजों को इंतजार करना पड़ता है। इसी परेशानी को देखते हुए संस्थान के निदेशक डॉ.राकेश कुमार वर्मा ने शासन से कैथ लैब की मांग की थी।  शासन ने कॉर्डियोलॉजी में तीन कैथ लैब बनाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। अब टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। दो लैब मेडिसिन और एक सर्जरी विभाग में बनेगी। 

यह सुविधाएं होंगी उपलब्ध  

नई हाईटेक कैथ लैब में मिनिमली इनवेसिव तकनीकी से इलाज में ज्यादा सर्जरी की जरूरत नहीं होगी। कैथलैब मेडिसिन में हृदय की धमनियों का एक्सरे, एंजियोग्राफी व एंजियो प्लास्टी होगी। कैथलैब सर्जरी (हाईब्रिड कैथलैब या वैस्कुलर कैथलैब) से नसों में रुकावट दूर की जाएगी। स्टंट लगाना, पेसमेकर लगाना, वाल्व रिप्लेसमेंट और बायपास सर्जरी भी की जा सकेगी।

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