कानपुर में बंद मंदिर खुलवाने पहुंची महापौर प्रमिला पांडेय: बोली- हर रोज एक घंटे चलेगा अभियान, पांच थानों की पुलिस व PAC तैनात
कानपुर, अमृत विचार। कानपुर में मुस्लिम इलाकों में बंद पड़े मंदिरों को खुलवाने के लिए महापौर प्रमिला पांडेय अभियान चला रही है। महापौर मंदिर में पहुंचकर ताला तोड़कर उसे खुलवा रही है। जिससे लोगों में खुशी है, महापौर के मंदिर में पहुंचने के बाद लाेग भी दर्शन करने के लिए पहुंचे रहे। इसी कड़ी में रविवार सुबह महापौर डिप्टी पड़ाव स्थित बंद मंदिरों को खुलवाने पहुंची। इस दौरान पांच थानों की फोर्स व पीएसी के जवान मौजूद रहे।
महापौर ने सर्वे कराकर 124 मंदिरों को किया चिन्हित
मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में महापौर ने सर्वे कराकर 124 मंदिरों को चिह्नित किया है। इनमें वो मंदिर शामिल हैं, जिन पर अन्य धर्मों के लोगों ने कब्जा कर लिया है। महापौर लगातार बंद मंदिरों में पहुंच रही हैं और साफ-सफाई करा उन्हें खुलवा रही हैं।
महापौर प्रमिला पांडेय बोली- मंदिर को लेकर रोज एक घंटे अभियान चलेगा
महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि मंदिरों की हालत मौके पर जाकर देखी। मंदिरों पर कब्जे हो गए हैं और मंदिर आने जाने का रास्ता बंद कर दिया गया है। मैंने यहां पर अपील की है कि जिन लोगों ने भी मंदिरों पर कब्जे किए हैं वह इसको खुद ही खाली कर दें, नहीं तो फिर मंदिरों को कब्जामुक्त करने के लिए कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि मंदिर को लेकर रोज एक घंटे अभियान चलेगा।
पहले भी महापौर ने बंद मंदिर खुलवाए
महापौर प्रमिला पांडेय ने सोमवार को घनी आबादी क्षेत्र कर्नलगंज में बने करीब 125 साल पुराने श्री राधा-माधव विराजमान मंदिर को खुलवाया। मंदिर के गेट पर लगा ताला ईंट से तोड़ा गया। इसके बाद महापौर के साथ लोग अंदर पहुंचे और दर्शन किए। मंदिर के अंदर मौजूद सभी मूर्तियां खंडित थीं। लक्ष्मी-गणेश, विष्णु की मूर्तियों के सिर गायब थे। वहीं एक मंदिर की जगह कपड़े सिलाई की फैक्ट्री चल रही थी, मंदिर की मूर्तियां गायब थीं। लोगों ने बताया कि 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस के बाद दंगे हुए थे तभी ये मंदिर बंद कर दिये गये थे।
महापौर प्रमिला पांडेय ने सोमवार को लुधौरा में तीन मंदिरों का निरीक्षण किया। सबसे पहले महापौर कर्नलगंज खटिकाना गईं। यहां के निवासियों ने बताया कि मंदिर पर कब्जा कर इमारत बना दी गई। अवशेष के रूप में एक बड़ा पीपल का पेड़ व उसके चारों ओर चबूतरा आज भी है। लोगों ने बताया कि पहले मंदिर में पूजा होती थी, लोग शादियां करते थे लेकिन दस साल पहले इसे तोड़कर कब्जा कर लिया गया। मंदिर की जगह यहां कपड़े सिलाई की फैक्ट्री चल रही थी, मंदिर की मूर्तियां गायब थीं।
इसके बाद महापौर एक और मंदिर गईं जो ठीक स्थिति में था। फिर वह श्री राधा माधव विराजमान मंदिर पहुंची जिसके गेट पर ताला लगा था। पुलिस की मौजूदगी में महापौर ने मंदिर का ताला तुड़वाया और मंदिर खोला। इसके बाद वह मंदिर के अंदर गईं और जाला हटाने लगीं। मंदिर के अंदर मौजूद सभी मूर्तियां खंडित थीं। मंदिर के अंदर शिवलिंग की डिजाइन जमीन पर मिली लेकिन शिवलिंग नहीं था। मंदिर खुलने के बाद कई महिलाएं पहुंच गईं और पूजा-अर्चना करने लगीं। महिलाओं ने माथा भी टेका।