हाईकोर्ट ने लगाई अधिकारियों को लताड़, खान अधिकारी का तुरंत करें तबादला
- बागेश्वर के कांडा में खड़िया खनन मामले में हाईकोर्ट ने की सुनवाई - डीएम और जिला खनन अधिकारी हुए व्यक्तिगत रूप से पेश
नैनीताल, अमृत विचार: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बागेश्वर जिले की तहसील कांडा के कई गांवों में खड़िया खनन से आई दरारों के मामले में स्वतः संज्ञान लेकर गुरुवार को सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र एवं वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के समक्ष जिलाधिकारी बागेश्वर, जिला खनन अधिकारी सहित अन्य अधिकरी व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। मामले की सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने उपस्थित अधिकरियो को लताड़ लगाते हुए कहा कि खान अधिकारी का तुरंत तबादला किया जाए।
ृसाथ ही, यह भी निर्देश दिए कि पुलिस अधीक्षक खनन पर लगी सभी मशीनों को कल तक सीज करें और अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करें। 6 जनवरी को हाईकोर्ट ने सॉफ्ट स्टोन माइनिंग पर रोक लगा दी थी, उसके बाद 7 जनवरी को 7 बजकर 46 मिनट पर खुदान व ट्रांन्सपोर्टेशन वहां हुआ जो कि उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है। इसकी शिकायत ग्रामवासियों ने न्यायमित्र के साथ साझा की। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी वहां खनन हुआ है।
पिछली तिथि को हाईकोर्ट ने मामले को अति गम्भीर पाते हुए कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट का आकलन करके निदेशक खनन व सचिव औद्योगिक एवं जिलाधिकारी बागेश्वर को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए थे, जो रिपोर्ट पेश की वह गलत पेश की। कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट के मुताबिक खड़िया खनन करने वालों ने वनभूमि के साथ साथ सरकारी भूमि में भी नियम विरुद्ध जाकर खनन किया हुआ है। पहाड़ी दरकने लगी है। कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसके कई फोटोग्राफ व वीडियो रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गईं।