डिप्थीरिया से बचाव के लिए स्कूलों में चलेगा अभियान, बच्चों में बढ़ रही परेशानी

अब तक 31 बच्चों में हो चुकी बीमारी की पुष्टि, 4 मरीजों की जान जा चुकी है

डिप्थीरिया से बचाव के लिए स्कूलों में चलेगा अभियान, बच्चों में बढ़ रही परेशानी

लखनऊ, अमृत विचार: जिले में डिप्थीरिया (Diphtheria) बीमारी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। विभाग के जरिए स्कूलों में अभियान चलाकर बच्चों व अभिभावकों को इसके प्रति जागरूक किया जाएगा। साथ ही टीकाकरण से छूटे बच्चों का टीकाकरण भी कराया जाएगा।

डिप्थीरिया एक संक्रामक बीमारी है। छींकने, खांसने से यह रोग फैलता है। तंत्रिका तंत्र, गले और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाता है, जिसके परिणामस्वरूप दम घुटने से मृत्यु हो जाती है। स्वास्थ्य विभाग के आकड़ों के मुताबिक इस साल अभी तक 31 बच्चों में इस बीमारी की पुष्टि हुई है, जबकि 4 मरीजों की जान जा चुकी है। हालांकि अफसरों का कहना है ये मरीज आस पास जिले के भी हैं।

लक्षण

डिप्थीरिया के लक्षण लोगों में आमतौर पर संक्रमण के दो से पांच दिन बाद दिखाई देते हैं। इसके समान हल्के लक्षण होते हैं, जैसे की जुखाम, दूसरों को कोई भी लक्षण महसूस नहीं होता है। इसके अलावा जब यह ज्यादा हो जाता है, तो टॉन्सिल और गले पर एक मोटी सी कोटिंग हो जाती है, जो डिप्थीरिया का सबसे प्रमुख और विशिष्ट लक्षण है। अन्य लक्षणों में

-बेचैनी या बेचैनी

-ठंड सा मेहसूस होना

-बुखार लगना

-एक जोर से भौंकना खांसी

-गर्दन में सूजी हुई ग्रंथियां

-गले में खरास होना आदि
 
-सांस लेने और निगलने में कठिनाई
 
-नज़रों की समस्या

 

डिप्थीरिया केस बढ़ता देख स्वास्थ्य विभाग स्कूलों में अभियान चलाकरटीकाकरण कराएगा। वहीं संदिग्ध बच्चों की स्क्रीनिंग कराई जाएगी। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया स्कूलों में जल्द ही अभियान चलेगा। बताया वैक्सीनेशन से बच्चे को डिप्थीरिया बीमारी से बचाया जा सकता है। 1 साल के बच्चे को डीपीटी के 3 टीके लगते हैं। इसके बाद डेढ़ साल पर चौथा टीका और 4 साल की उम्र पर 5वां टीका लगता है। टीकाकरण के बाद डिप्थीरिया होने की संभावना नहीं रहती है।

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