लखीमपुर खीरी: शिफा अस्पताल के डॉक्टर समेत पांच पर गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट, नवजात शिशु की हुई थी मौत
कोर्ट के आदेश पर सदर कोतवाली पुलिस ने लिखी रिपोर्ट
लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। नवजात बच्चे की मौत के मामले में महेवागंज के शिफा मल्टी सेपेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर फंस गए हैं। सदर कोतवाली पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर दो डॉक्टरों समेत पांच लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और धमकाने की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
शहर से सटे गांव छाउछ निवासी कमाल अहमद ने बताया कि उसने अपनी पुत्री सालिया खान को प्रसव पीड़ा होने पर 18 अप्रैल 24 की शाम 04:00 बजे शिफा मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल पलिया रोड महेवागंज में भर्ती कराया था। अस्पताल के डॉ. जेड हुसैन और डॉ. तरन्नुम ने पुत्री का स्वास्थ्य परीक्षण कर कई जांचे कराई। जांचों के बाद दोनों डॉक्टरों ने बताया कि उसकी पुत्री बिल्कुल ठीक है। एक दो दिन में सामान्य प्रसव करा दिया जायेगा। डॉ. जेड हुसैन ने उनसे 15000 रुपये ले लिए, जिसकी कोई रसीद भी नहीं दी। साथ ही कहा कि अब कोई फीस नहीं देना है। पुत्री, उसकी मां व भाभी को अस्पताल में छोड़कर वह घर चले आए। 19 अप्रैल को जब अस्पताल पहुंचा तो देखा कि उसकी पुत्री की तबियत अधिक खराब थी। डॉ. जेड हुसैन व डॉ. तरन्नुम, स्टाफ नर्स निशा, सहायिका चेतना व सूफिया के साथ राउंड पर आये। उसकी पुत्री को देखा तो उसे प्रसव कक्ष में ले गए। डॉ जेड हुसैन ने ऑपरेशन होने की बात कहते हुए 25000 रुपये तत्काल मांगे। उन्होंने दोपहर तक कहीं से उधार लाकर आपकी पूरी फीस जमा करने का आश्वासन दिया। तमाम मिन्नतों के बाद भी दोनों डॉक्टरों ने उसकी एक नहीं सुनी। उसने जैसे-तैसे इंतजाम कर 10,000 रुपये डॉ. जेड हुसैन को दिए। 15,000 रुपये जमा करने के बाद आपरेशन करने की बात कही। इसी बीच आवेश में आकर नर्स शिफा, सहायिका चेतना व सूफिया ने छोटा आपरेशन कर प्रसव करवाया। गलत तरीके से टांके लगाने से रक्त स्त्राव होता रहा। किसी ने भी नवजात शिशु की ओर ध्यान नहीं दिया। अस्पताल में कोई भी नवजात शिशु एवं बालरोग विशेषज्ञ नही था। लापरवाही के कारण 20 अप्रैल को नवजात की मौत हो गई। सदर कोतवाली पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर सभी आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।