प्रयागराज : स्थानांतरण की कार्यवाई अड़ियल कर्मचारी को दंडित करने के लिए नहीं

प्रयागराज : स्थानांतरण की कार्यवाई अड़ियल कर्मचारी को दंडित करने के लिए नहीं

अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्थानांतरण के नियमों को स्पष्ट करते हुए कहा कि स्थानांतरण की शक्ति का उपयोग किसी भी अड़ियल कर्मचारी को दंडित करने के लिए नहीं किया जा सकता है। किसी कर्मचारी को दंडित करने के लिए स्थानांतरण की शक्ति का प्रयोग करना वास्तव में शक्ति का अनुचित उपयोग है। यह कानून की दृष्टि से दुर्भावनापूर्ण है।

उक्त टिप्पणी न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की एकल पीठ ने उमेश कांत की याचिका पर सुनवाई करते हुए की। याचिका के अनुसार याची को कार्यालय में समय से उपस्थित न होने, वरिष्ठों के आदेशों का उल्लंघन करने आदि जैसे अनुशासनहीनता के कृत्यों के कारण फिरोजाबाद से मेरठ स्थानांतरित किया गया है। याची सिंचाई विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है।

याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मामले को आगामी 28 अगस्त के लिए सूचीबद्ध करते हुए सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर लघु सिंचाई, मेरठ द्वारा पारित आदेश दिनांक 28 जून 2024 और अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई, फिरोजाबाद द्वारा पारित आदेश दिनांक 5 जुलाई 2024 के क्रियान्वयन पर कोर्ट के अगले आदेश तक रोक लगा दी है।

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