वक्फ बोर्ड में बदलाव का बिल, जेपीसी के पास कैसे आपत्तियां भेज रहे संगठन 

वक्फ बोर्ड में बदलाव का बिल, जेपीसी के पास कैसे आपत्तियां भेज रहे संगठन 

खटीमा/उत्तराखंड, अमृत विचार। वक्फ़ (संशोधन) विधेयक पर संसद द्वारा गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC)ने 13 सितंबर तक जनता से सुझाव मांगे हैं। इसको लेकर हिंदू-मुस्लिम दोनों संगठनों ने अभियान तेज कर दिए हैं। ई-मेल और क्यू-आर कोड आधारित प्रोफार्मा के माध्यम से लोग वक्फ को लेकर अपनी आपत्तियां भेज रहे हैं।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलमा-ए-हिंद समेत तमाम दूसरे संगठन पहले से साफ कर चुके हैं कि वक्फ बोर्ड उनका धार्मिक मामला है। इसमें किसी भी तरह का बदलाव मंजूर नहीं है। संसद में विपक्ष के भारी विरोध के बाद ही इस पर जेपीसी गठित की गई है। 

इसी क्रम में मुस्लिम संगठनों ने जेपीसी के समक्ष अपनी आपत्तियां दर्ज कराने की मुहिम चलाई है। गांव-गांव, गली-गली वक्फ में बदलाव को लेकर अपना विरोध दर्ज कराने की अपील की जा रही है। दरगाह आला हजरत के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफ़ा के उपाध्यक्ष सलमान हसन खान भी क्यू-आर कोड के माध्यम से आपत्तियां दर्ज करवा रहे हैं। दूसरे दरगाह, खानकाह और संगठन भी इसमें जुटे हैं। जेपीसी ने पब्लिक से 13 सितंबर तक के लिए ही आपत्तियां मांगी हैं और ये समयसीमा गुरुवार को खत्म हो रही है। 

वहीं, मौलाना इरफानुल हक ने उत्तराखंड के खटीमा में राष्ट्रपति को संबोधित एक मांग पत्र दिया। बड़ी संख्या में उलमा और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि कलेक्ट्रेट पहुंचे। अपने मांग पत्र में कहा कि हमारे बुजुर्गों ने अपनी संपत्ति इसलिए वक्फ की थी ताकि समाज के यतीम, गरीब और बेसहारा लोगों की मदद की जा सके। लेकिन सरकार इसमें वक्फ बोर्ड में बदलाव करके, इन संपत्तियों पर अवैध कब्जे का रास्ता खोल रही है। ये बिल हमें किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है और हम इसका पुरजोर तरीके से विरोध करते हैं।

इस दौरान मौलाना फरयाद आलम, मौलाना अयाज अहमद, कारी अदील अहमद, मौलाना साबिर हुसैन, हाफिज मुहम्मद रजा, मौलाना सोहैल रजा, हाफिज शराफत अजहरी, नासिर खां, गुडडू प्रधान, राशिद अंसारी, जाहिद मंसूरी, दिलदार हुसैन, मुहम्मद नाजिम आदि मौजूद रहे।

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