बदायूं: मृतक छात्रा के परिजनों को 91.5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता, जानिए क्या है मामला

दो सितंबर को संविलियन विद्यालय अर्सिस की कक्षा एक की छात्रा अंजली की बीमारी से हो गई थी मौत

बदायूं: मृतक छात्रा के परिजनों को 91.5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता, जानिए क्या है मामला

बदायूं, अमृत विचार। बीमारी से परिषदीय विद्यालय की छात्रा की मौत के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग की दरियादिली सामने आई है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों ने रुपये एकत्र किए। गुरुवार को बीएसए छात्रा के घर पहुंचे। परिजनों को 91 हजार 500 रुपये की आर्थिक मदद की। साथ ही भविष्य में भी सहयोग का आश्वासन दिया। बारिश के दौरान छात्रा के परिजनों की झोपड़ी में पहुंची बीएसए की कार्यशैली की ग्रामीणों ने सराहना की। 

गांव इनायतगंज गौटिया निवासी महिपाल की सात साल की बेटी अंजलि विकास क्षेत्र सालारपुर के संविलियन विद्यालय अर्सिस में कक्षा एक की छात्रा थी। वह दो सितंबर को स्कूल गई थी। मिड डे मील खाने के दौरान छात्रा की हालत बिगड़ गई थी। परिजन छात्रा को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले गए थे। हालत गंभीर होने पर छात्रा को राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। जहां इलाज के दौरान रात तीन बजे छात्रा की मौत हो गई थी। अगले तीन उसके परिजन और ग्रामीण छात्रा का शव लेकर विद्यालय परिसर गए और हंगामा किया। विद्यालय के मिड डे मील की गुणवत्ता खराब बताई। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची थी। समझाने के बाद भी परिजन और ग्रामीण नहीं माने। एसडीएम एसपी वर्मा ने पूर्ति निरीक्षक संजीव कुमार से मिड डे मील की जांच कराई थी। बीएसए वीरेंद्र सिंह ने विद्यालय जाकर ग्रामीणों और स्टाफ से जानकारी करके जांच की। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया था। जिसमें छात्रा की मौत फेफड़ों की बीमारी से होने की पुष्टि हुई थी। बीएसए को पता चला कि छात्रा गरीब परिवार से थी। जिसके चलते उन्होंने कार्यालय के कर्मचारियों से सहयोग करने का आह्वान किया। 91 हजार 500 रुपये एकत्र हुए। गुरुवार को बीएसए वीरेंद्र सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र सिंह, बालिका शिक्षा के जिला समन्वयक प्रशांत कुमार, मिड डे मील भोजन की जिला समन्वयक हिना खान छात्रा के घर पहुंचे। छात्रा के परिजनों को धनराशि सौंपी। बीएसए ने बताया कि हर किसी को सहयोग की भावना रखनी चाहिए। छात्रा के परिजनों की आर्थिक जरूरत थी तो कार्यालय के कर्मचारियों के सहयोग से कुछ सहयोग किया गया है।