सरकार की तैयारी

 सरकार की तैयारी

इन दिनों विवादों में चल रहे वक्फ कानून, 1995 में सुधार के दावों के साथ लाया गया संशोधन विधेयक सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में पेश किया। सरकार का दावा है कि वक्फ बोर्डों के कामकाज में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाने और इन निकायों में महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विधेयक लाया गया है।  विपक्षी दलों की आपत्ति के बाद इसे संयुक्त संसदीय दल (जेपीसी) को भेजे जाने का प्रस्ताव रखा गया। वक्फ बोर्ड को भारत में रेलवे और रक्षा विभाग के बाद तीसरा सबसे बड़ा भूमिधारक कहा जाता है। वर्तमान में 8 लाख एकड़ में फैली 8,72,292 पंजीकृत वक्फ संपत्तियां हैं।

इन संपत्तियों से 200 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। एक बार जब किसी संपत्ति को वक्फ घोषित कर दिया जाता है तो वह अहस्तांतरणीय हो जाती है। गौरतलब है कि 1995 का वक्फ अधिनियम एक वक्फ द्वारा ‘औकाफ’ (वक्फ के रूप में समर्पित और अधिसूचित संपत्ति) को नियंत्रित करता है। यूपीए सरकार के तहत 2013 में संशोधन ने वक्फ बोर्डों को व्यापक शक्तियां प्रदान कीं, जो तब से विवादास्पद हैं। विधेयक में संशोधन की तैयारी 2024 के लोकसभा चुनाव से काफी पहले शुरू हो गई थी। हाल ही में विधेयक की कैबिनेट द्वारा समीक्षा की गई थी।

ओमान और सऊदी अरब जैसे इस्लामी देशों में कानूनों की प्रारंभिक समीक्षा से पता चला है कि ये देश किसी एक इकाई को इतनी व्यापक शक्तियां नहीं देते हैं। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ कानून में संशोधन का बचाव किया। कहा कि विपक्ष राजनीति के लिए विरोध कर रहा है। अब यह विधेयक जेपीसी को भेजा जाएगा। पिछले दस वर्ष में यह पहली बार है कि सरकार का कोई बिल लोकसभा में अटका हो।

गौरतलब है कि जेपीसी गठित हो गई तो उसे मामले की गहनता से जांच के लिए विशेषाधिकार मिल जाते हैं। वहीं बिल से जुड़े मसलों पर ये समिति विशेषज्ञों से सुझाव लेती है। जेपीसी में सदस्यों की संख्या तय नहीं होती है। सदस्यों की संख्या दल की ताकत के हिसाब से देखी जाती है। यानी आज सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा के सबसे ज्यादा सदस्य होंगे। चूंकि समितियों में ज्यादातर सांसद और अध्यक्ष सत्ताधारी पार्टी के होते हैं, इसलिए सरकार यहां मुस्लिम समुदाय के भीतर से उठी मांग को पूरा करने की मंशा पर अमल कर सकती है।  सरकार ने विधेयक जेपीसी को भेजने का प्रस्ताव करके बता दिया कि वह इस मुद्दे पर विपक्ष के हर हमले का जवाब देने को तैयार है।