GOOD NEWS: स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन एक्ट जल्द होगा लागू, देश का चौथा राज्य होगा उत्तर प्रदेश

GOOD NEWS: स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन एक्ट जल्द होगा लागू, देश का चौथा राज्य होगा उत्तर प्रदेश

HIGHLIGHT

- वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने को मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव को दी मंजूरी
- गुजरात, कर्नाटक और राजस्थान के बाद इस तरह का एक्ट लागू करने वाला चौथा राज्य होगा उत्तर प्रदेश
- बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन एक्ट लागू करेगी सरकार

लखनऊ, अमृत विचार: उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करने और बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए राज्य में स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन (एसआईआर) एक्ट को लागू करने का निर्णय लिया गया है। लोकभवन में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल बैठक में स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन एक्ट के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस तरह का एक्ट अभी तक तीन राज्यों में है,जिनमें गुजरात, राजस्थान और कर्नाटक शामिल हैं। इस तरह इस एक्ट को लागू करने वाला उप्र. चौथा राज्य बन जाएगा।
इस एक्ट को निर्माण (नोडल इन्वेस्टमेंट रीजन फॉर मैन्युफैक्चरिंग) एक्ट नाम दिया गया है। इसके माध्यम से देश और दुनिया के बड़े-बड़े निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित किया जा सकेगा। सरकार के इस निर्णय से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही आर्थिक विकास को गति मिलेगी, जबकि जन सामान्य को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।

चार भौगोलिक क्षेत्रों में बनेंगे एसआईआर
प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर ने बताया कि यह एक्ट बनाने का उद्देश्य बड़े-बड़े इन्वेस्टमेंट रीजन बनाना और उन्हें कानूनी संरक्षण प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का जो लक्ष्य रखा है, उसके लिए आवश्यक है कि हमें बड़े-बड़े इन्वेस्टमेंट रीजन बनाने होंगे। उन्होंने बताया कि अभी हमने एक्ट में इन्वेस्टमेंट के लिए लैंड की मिनिमम लिमिट निर्धारित नहीं की है, लेकिन जैसे हमने बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी की स्थापना की है, जिसके लिए 5 हजार हेक्टेयर का एरिया रखा है उसी तरह स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन में भी बड़ा एरिया रखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रस्ताव के अनुसार उत्तर प्रदेश में कम से कम चार ऐसे स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन बनाए जाएंगे, जो राज्य के चारों भौगोलिक क्षेत्रों में होंगे। उन्होंने बताया कि हमारे पास लैंड बैंक की उपलब्धता काफी है, लेकिन यदि आवंटन के लिए लैंड बैंक की बात करें तो करीब 20 हजार एकड़ के आसपास लैंड बैंक उपलब्ध है।

लखनऊ और वाराणसी में बनेंगे मल्टीपरपज हॉल
औद्योगिक निवेश के अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने के क्रम में इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन एवं एमएसएमई के मध्य समझौता ज्ञापन किए जाने को लेकर भी प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा मंजूरी प्रदान की गई। वित्त एवं संसदीय मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि जिस तरह से राजधानी दिल्ली में भारत मंडपम बना है, उसी तरह लखनऊ और वाराणसी में इस प्रकार का बड़ा कंवेंशन सेंटर या मल्टीपरपस हॉल बनाया जाएगा जहां एमएसएमई से जुड़े लोग अपने-अपने उत्पादों का डिस्प्ले कर सकेंगे।

स्टार्टअप को बढ़ावा देने के साथ खेती में होगा नवाचार
किसानों एवं खेती से जुड़े व्यवसायों को बढावा दिया जाएगा। इस क्षेत्र में कई नवाचार किए जाएंगे और स्टार्टअप भी शुरू होगा। इसके लिए एग्रीटेक नीति 2024 बनाने जा रही है। मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। केंद्र सरकार की ओर से एग्रीस्टैक की पहल की गई है। इसके तहत खेती से जुड़े सभी आंकड़ें आनलाइन किए जा रहे हैं। डिजिटल फसल सर्वेक्षण के जरिए डाटाबेस तैयार किया गया है। किसान कार्ड बनाने की तैयारी चल रही है। ऐसे में सरकार की ओर से एग्रीटेक नीति 2024 तैयार की जाएगी।
इस नीति के जरिए कृषि प्रोद्यौगिकी नवाचारों को बढावा दिया जाएगा। कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू होगा। किसानों की क्षमता वृद्धि की जाएगी। एग्रीटेक सेवा देने वालों के लिए बेहतर विकास का वातावरण बनाया जाएगा। इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। एग्रीटेक नीति के क्रियांवयन पर पांच साल का वक्त लगेगा। इस पर करीब 21.65 करोड़ रुपया खर्च किया जाएगा।

पशुधन को पोषण युक्त आहार और वित्तीय सहायता
पशुधन को पोषण युक्त आहार देने के लिए डेयरी सहकारी समिति के सदस्यों को कम दरों पर सांद्र खली, मिश्रित फीड आदि आहारों के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके लिए कैबिनेट ने मंगलवार को पशुधन, कुक्कुट व मत्स्य आहार नीति (वर्ष 2024 से 2029 तक) को क्रियान्वित करने को मंजूरी दे दी है। विभाग की ओर से पशुधन एप्लीकेशन में मवेशियों के कृत्रिम गर्भाधान (एआई) आधारित गर्भस्थ पशु को पंजीकृत करने वाले किसानों को रियायती दरों पर खनिज मिश्रित आहार दिया जाएगा। साथ ही सक्रिय डेयरी सहकारी समिति के सदस्यों को प्राथमिकता देते हुए रियायती दरों पर सांद्र खली, मिश्रित फीड आदि आहारों के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। साथ ही आहार तकनीकी, निर्माण व प्रसंस्करण में शोध को बढ़ावा दिया जाएगा।
पशुधन व दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि इस नीति से पशुओं का बेहतर पोषण, पशुधन, कुक्कुट, मत्स्य जन्य उत्पादों में वृद्धि, किसानों की आय में वृद्धि होगी। पशुओं की प्रजनन क्षमता में सुधार होगा। साथ ही पशु उत्पादकता में वृद्धि, पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार, पशुधन, कुक्कुट, मत्स्य में विकास दर में वृद्धि होगी। प्रदेश में पशुधन के राशन उत्पादन में सुधार होगा।

चारे की कमी दूर करने को भी नीति मंजूर
पशुधन की आवश्यकतानुसार चारे की कमी को देखते हुए ग्राम समाज की भूमि, विशेषकर चारागाहों को, खाली जमीन को चिह्नित कर वहां पर चारे का उत्पादन कराया जाएगा। मंगलवार को कैबिनेट ने इससे जुड़ी यूपी चारा नीति (वर्ष 2024 से 2029 तक) को क्रियान्वित करने की मंजूरी दे दी है। वर्तमान में पशुधन की जरूरत के अनुरूप हरे चारे की 44.15 व सूखे चारे की 21.11 फीसदी की कमी है। कृषिकृत क्षेत्रफल में हरे चारे का आच्छादन 4.62 फीसदी ही है। पशुधन व दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि चारा नीति के माध्यम से गैर सरकारी संस्थाओं व निजी संस्थाओं का सहयोग लेकर पब्लिक प्राइवेट पॉलिसी के तहत कार्ययोजना बनाई जाएगी।

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