बदायूं: गलत इंजेक्शन लगाने के कारण मौत, झोलाछाप को सात साल की सजा

बदायूं: गलत इंजेक्शन लगाने के कारण मौत, झोलाछाप को सात साल की सजा

बदायूं, अमृत विचार। फास्ट ट्रैक कोर्ट की अपर सत्र न्यायाधीश मिर्जा जीनत ने गैर इरादतन हत्या के 15 साल पुराने मामले में आरोपी झोलाछाप को दोषी माना है। उसे सात साल की कैद और 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई है। एक अन्य आरोपी की पत्रावली अलग चल रही है। आरोपियों के गलत इंजेक्शन लगाने की वजह से मौत के बाद रिपोर्ट दर्ज की गई थी। 

अभियोजन पक्ष के अनुसार 31 जुलाई 2009 को जिला संभल के थाना गुन्नौर क्षेत्र के गांव मखदूमपुर निवासी सर्वेश देवी पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि उस दिन सुबह उनके पति मोहन लाल के पेट में सुबह लगभग सात बजे तेज दर्द हुआ था। उनकी रिश्तेदार बरफा देवी ने साजिश रची और झोलाछाप विनोद को बुलाकर घर ले आईं।

झोलाछाप ने उनके पति को दो इंजेक्शन लगा दी। इंजेक्शन लगाते ही मोहन लाल की तबियत बहुत ज्यादा बिगड़ गई। परिजन उन्हें लेकर जिला अलीगढ़ जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही मोहन लाल ने दम तोड़ दिया। सर्वेश देवी ने आरोप लगाया था कि बरफा देवी ने मोहन लाल की जमीन को लेकर साजिश की थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की।

मामले की विवेचना की थी। आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। तब से मामला न्यायालय में विचाराधीन था। न्यायधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। एडीजीसी ओमपाल कश्यप व बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद झोलाछाप विनोद को सात साल की सजा सुनाई। बरफा देवी के फरार चलने की वजह से उसकी पत्रावली अलग कर दी गई है।

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