यूसीसी हमारे पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप: शिया पर्सनल लॉ बोर्ड

यूसीसी हमारे पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप: शिया पर्सनल लॉ बोर्ड

लखनऊ, अमृत विचार। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में समान नागरिक संहिता का मुद्दा पूरी शिद्दत के साथ उठा। बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना साएम मेहदी ने कहा कि मैं पिछले दो वर्षों से केन्द्र सरकार से बार-बार कह रहा हूं कि वह पहले हमें समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के बारे में अवगत कराए। उसका अध्ययन करने के बाद ही हम हां या न का जवाब दे पाएंगे।

मौलाना ने कहा, उत्तराखंड सरकार ने विधानसभा से यह क़ानून पास करा दिया है। यह कानून लागू होने से देश में अमन और सुकून कायम नहीं रह पाएगा। बेहतर होगा कि सरकार इसे लागू न करे। बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि हमारे लिए फ़िक्र की बात यह है कि यह क़ानून लागू होने के बाद हमारे अधिकारों और पर्सनल लॉ पर इसका गहरा असर पड़ेगा। यह हमारे पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप होगा।

उन्होंने कहा कि सबका विकास और सबका विश्वास का नारा देने वाली सरकार इस कानून पर फिर से विचार करे और इसे देश में लागू न करे। बोर्ड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुधवार को विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित शिया पीजी कालेज के सईदुल मिल्लत हाल में बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना साएम मेहदी की अध्यक्षता में की गई।

बैठक में मौलाना साएम ने कहा कि 8 जुलाई को मोहर्रम शुरू हो रहा है। मोहर्रम के दौरान उप्र. में कांवड़ियों का कार्यक्रम भी होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की कि मोहर्रम के दौरान जहां ताजिये रखे जाते हैं और मजलिसें होती हैं, उन स्थानों की परम्परागत सुरक्षा व्यवस्था कराई जाए।

मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी को मोहर्रम के जुलूसों की सुरक्षा के सम्बन्ध में बोर्ड ने पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में सात से आठ करोड़ शिया मुसलमानों के साथ ही हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई व अन्य धर्मों के लोग हजरत इमाम हुसैन से अकीदत रखते हैं और उनकी याद में ताजिये व जुलूस निकालते हैं।

सरकार को रात भर होने वाली मजलिसों और जुलूसों की सुरक्षा के इंतजाम के लिए निर्देश जारी करना चाहिए, ताकि मोहर्रम शांतिपूर्वक सम्पन्न हो सके। शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में हुसैनाबाद ट्रस्ट के अंतर्गत आने वाली इमारतों की जर्जर हालत पर नाराजगी जाहिर की गई। बैठक में कहा गया कि इन इमारतों से करोड़ों रुपये की आमदनी है, लेकिन देखरेख के अभाव में यह जर्जर होती जा रही हैं। लखनऊ की पहचान इन्हीं इमारतों से है।

लखनऊ की कर्बलाएं, इमामबाड़े और दरगाहें पूरी दुनिया में मशहूर हैं। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में मौलाना अनवर हुसैन, मौलाना जाफर अब्बास, मौलाना रजा अब्बास, मौलाना एजाज अतहर, मौलाना हसन अकबर, मौलाना मुमताज अली, जहीर मुस्तफा और हसन मेहदी झब्बू आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।

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