![मानसून की पहली तेज बारिश ने खोली बाराबंकी में सफाई व्यवस्था की पोल](https://www.amritvichar.com/media/c200x160/2024-06/31-(3).jpg)
मानसून की पहली तेज बारिश ने खोली बाराबंकी में सफाई व्यवस्था की पोल
![मानसून की पहली तेज बारिश ने खोली बाराबंकी में सफाई व्यवस्था की पोल](https://www.amritvichar.com/media/2024-06/31-(3).jpg)
बाराबंकी, अमृत विचार। शुक्रवार रात और शनिवार की सुबह हुई घंटेभर की मूसलाधार बारिश ने सफाई व्यवस्था की कलई खोल कर रख दी। शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक सफाई व्यवस्था को लेकर प्रशासन के दावे फेल हुए। जिम्मेदारों ने समय रहतेसतर्कता दिखाई होती तो हालत कुछ और होते लेकिन यहां तो नगर पालिका परिषद से लेकर नगर पंचायत व ग्राम पंचायत में सफाई व्यवस्था को लेकर जिम्मेदारों का रवैया ढुलमुल रहा। यही कारण है कि मानसून की करीब एक घंटे की पहली मूसलाधार बारिश होने से तमाम परिषदीय विद्यालय, विकास खंड व तहसीलों के परिसर में लबालब पानी भर गया। जिससे यहाँ आने जाने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
शहर के गाधी नगर, लखपेडा़बाग, विजयनगर, अभय नगर, आजाद नगर आदि मुह्लल्लो की नालियों में सफाई न होने से नालियां उफनने लगी। शहर में सबसे खराब स्थिति जल भराव को लेकर हजारा बाग मोहल्ले में दिखी यह मोहल्ला पूरी तरह से जल भराव की चपेट में है। जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर, शहर के बस स्टैंड, व विशाल मेगा मार्ट के सामने लखनऊ गोन्डा मार्ग के दाई तरफ का एरिया जलमग्न हो गया।
रामसनेहीघाट तहसील व विकासखंड बनीकोडर परिसर भी मानो तालाब में तब्दील हो गया हो। यहां आने जाने वाले फरियादियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विकासखंड बनीकोडर के प्राथमिक विद्यालय सांडवा में बरसात का पानी भर जाने की वजह से विद्यालय परिसर तालाब में तब्दील हो गया। शुक्रवार को परिषदीय विद्यालय खुले और शनिवार को हालात यह हो गए कि छात्र-छात्राओं को कक्षा तक पहुंचाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। पानी भर जाने की वजह से बहुत से छात्र विद्यालय के करीब आकर घर लौट गए। विद्यालय के सामने पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई गई सीसी रोड तो बन गई लेकिन अभी तक नाली का निर्माण न होने की वजह से जल निकासी नहीं हो पा रही है और विद्यालय में पानी भरा जा रहा है। शहर से महज तीन-चार किलोमीटर सूतमिल मिल चौराहे से जहांगीराबाद जाने वाली रोड पर पर जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसी तरह ग्रामीण अंचलों के कई ग्राम पंचायतों में समय से सफाई व्यवस्था न कराया जाने के कारण नाले नालियों का पानी उफनाकर सड़कों पर आ गया है।
बारिश से किसानों को मिली संजीवनी
शुक्रवार रात और शनिवार सुबह हुई बरसात मानो किसानों के लिए संजीवनी लेकर आई । भीषण गर्मी की वजह से छोटी पूंजी के कास्तकार धान की नर्सरी तो डाल चुके थे मगर सूखे खेतों को पानी न दे पाने की वजह से अधिकतर किसान आसमान की ओर टकटकी लगाये आशा भरी निगाहों से देख रहे थे । ऐसे किसानों के लिए बरसात संजीवनी बन गई। जिन खेतो में लोगों ने धान की बेरन लगा ली थी ,उन किसानों के लिए भी बरसात काफी मुफीद बन गई। इस समय किसानों की तमाम फसलों के लिए पानी की बड़ी जरूरत थी। बरसात न होने की वजह से किसानों के चेहरे पर मायूसी साफ दिख रही थी। चाहे वह धान की फसल हो या फिर गन्ने की मक्के की खेती करने वाले किसानों को भी बरसात से काफी फायदा हुआ है। सब्जियों की खेती करने वाले किसानों का बरसात का लाभ मिल रहा है।दो दिनों की बरसात के बाद किसानों ने खेत में धान का बेरन लगाना शुरू कर दिया।
कच्ची दीवार गिरी, चपेट में आने से बच्ची की मौत
क्षेत्र में मानसून की दस्तक के बाद भोर से हो रही झमाझम बारिश ने जहां किसानो को राहत दी, तो वहीं कुछ जगह यह काल बनकर आयी। क्षेत्र के ग्राम बड़ी मेहन्दिया में शनिवार सुबह शुरु हुई तेज बारिश के चलते मंजू पत्नी स्वर्गीय श्रीकृष्ण के घर की कच्ची दीवार ढह गई। दीवाल ढहने के चलते पास ही चारपाई पर सो रही मंजू की 11 वर्षीय पुत्री रूबी मलबे चपेट में आ गयी और उसकी मौत हो गयी। दीवार गिरने की आवाज सुनके आस-पास के लोग एकत्र हो गये। सभी ने रूबी के शव को दीवाल की मिट्टी हटाकर बाहर निकाला। घटना की जानकारी होने पर मौके पर पहुंची पुलिस व राजस्व की टीम ने घटनास्थल का जायजा लिया। सुबेहा थाने के प्रभारी निरीक्षक संजीव कुमार यादव ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया है।
लाखों के निर्माण के बाद भी नहीं मिली जलभराव से निजात
मानक के विपरीत लाखों रुपए खर्च करके विकासखंड रामनगर के ग्राम पंचायत कुम्भरवा दलित बस्ती में ग्राम प्रधान द्वारा नाली का निर्माण कराया गया था। यहां पहली ही बरसात में नाली के निर्माण में किए गए भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी। आलम यह है कि जल भराव ना होने पाए इसके लिए बनाई गई नाली का गंदा पानी रास्ते में बह रहा है जिसकी वजह से ग्रामीणों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम प्रधान के द्वारा कुछ महीने पहले लाखों की लागत से बेचन गौतम के मकान से भीखू के घर तक नाली का निर्माण करवाया गया था।
दलित बस्ती के वाशिंदों का यह कहना था की नली बन जाने से गंदा पानी रास्ते पर जमा हो जाएगा। लेकिन समय रहते जिम्मेदारों ने ग्रामीणों की एक न सुनी और मानक विपरीत नाली बनाकर जमकर भ्रष्टाचार किया। हल्की बरसात होने पर नाली का पानी सड़कों पर उतर आया। ग्रामीणों का आरोप है कि बेचन गौतम के घर से भीखू गौतम के घर तक नाली बनवा तो जरूर दी गई लेकिन आगे जल निकासी के लिए कोई रास्ता नहीं दिया गया। जिससे लोगों के घरों से निकला हुआ गंदा पानी नाली में ना जाकर सड़क पर ही बह रहा है। जिससे दलित बस्ती के लोगों को आवागमन में काफी दिक्कत हो रही है। यहां के लोगों का कहना है कि तमाम बार शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो सका। इस बारे में सचिव अखिलेश्वर चौहान का कहना है कि मौके का मुआयना कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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