Unnao: ओपीएस का आप्शन स्वीकृत होने से शिक्षकों में खुशी, न्यायिक आदेश पर अमल के लिये लगी कैबिनेट की मुहर

Unnao: ओपीएस का आप्शन स्वीकृत होने से शिक्षकों में खुशी, न्यायिक आदेश पर अमल के लिये लगी कैबिनेट की मुहर

उन्नाव, अमृत विचार। न्यायिक आदेश पर अमल के लिए कैबिनेट की मोहर लगने से 28 मार्च-2005 तक प्रकाशित विज्ञप्ति के आधार पर कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं को पुरानी पेंशन का आप्शन मिलने से शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। हालांकि शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षक हितों के लिए पुरानी पेंशन की लड़ाई जारी रखी जाएगी, क्योंकि सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन ही शिक्षकों के लिए बुढ़ापे की लाठी साबित होती है। 

बता दें कि शिक्षक व राज्य कर्मचारियों के विभिन्न संगठन पुरानी पेंशन बहाल किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन करते आ रहे हैं। कुछ शिक्षकों की याचिका की सुनवाई करते हुए पिछले वर्ष उच्च न्यायालय ने वर्ष 2005 तक सेवानियोजित हुए शिक्षकों को पुरानी पेंशन का हकदार बताया था। हालांकि अब तक सरकार व शासन से न्यायिक आदेश पर अमल नहीं कराया जा रहा था। 

अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट की मोहर लग गई। इससे 28 मार्च 2005 तक नियुक्त हुए शिक्षकों को पुरानी पेंशन का आप्शन दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है। जूनियर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सेविना दीक्षित ने सरकार के फैसले की सराहना की। 

पुरानी पेंशन को लेकर अब तक जारी रहा असमंजस अब समाप्त हो गया है। कहा कि पुरानी पेंशन सेवानिवृत्त होने के बाद की चिंता समाप्त करती है। वहीं वर्ष 2010 में सेवारत हुए शिक्षक महेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार को सभी शिक्षकों को ओपीएस से लाभांवित करना चाहिए। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ब्रजेश पांडेय ने कहा कि ओपीएस शिक्षकों के हित में है। 

इसलिए नेतृत्व के निर्देश पर सभी शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिलाने तक संघर्ष जारी रहेगा। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष संजय कुमार कनौजिया ने भी शिक्षकों के हक की लड़ाई जारी रखने पर बल दिया। इसी तरह प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला पदाधिकारी गजेंद्र वर्मा, जिला प्रवक्ता मदन कुमार पांडेय, संजय सिंह व ब्लाक अध्यक्ष रजनीकांत यादव ने भी नेतृत्व के निर्देश पर शिक्षक हित के लिए ओपीएस को लेकर संघर्ष जारी रखने की बात कही।

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