पीलीभीत: वाह रे सिस्टम! गोशालाओं में जो हैं गड़बड़ी के जिम्मेदार, उन्हीं को सौंप दी सत्यापन की कमान 

पीलीभीत: वाह रे सिस्टम! गोशालाओं में जो हैं गड़बड़ी के जिम्मेदार, उन्हीं को सौंप दी सत्यापन की कमान 

पीलीभीत, अमृत विचार: पिछले कुछ दिनों से देवीपुरा गोशाला में आश्रित गोवंश की मौत और तस्करी से जुड़े आरोप लगने के बाद कराई गई जांच में फजीहत हुई। इसके बाद जनपद में संचालित अन्य गोशालाओं को लेकर जिम्मेदार संजीदा हुए हैं। ताकि किसी तरह का बखेड़ा खड़ा होने से पहले से ही अगर कोई खामी है तो उसे दुरुस्त करा लिया जाए। सीडीओ ने इसके लिए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए हैं।जन्द ही टीम बनाकर सत्यापन कार्य पूरा कराया जाएगा।

जनपद मुख्यालय से पांच किमी की दूरी पर स्थित देवीपुरा गोशाला बीते दिनों उस वक्त सुर्खियों में आ गई थी जब अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने संगीन आरोप लगाते हुए शिकायत कर दी। प्रशासनिक अधिकारियों को दिए ज्ञापन में साफ कहा कि देवीपुरा गोशाला में गोवंशीय पशुओं की अव्यवस्था के चलते जान जा  रही है।  

इसके अलावा आरोप लगाया था कि गोशाला से ही कुछ जिम्मेदार पशुओं की बिक्री भी कर रहे हैं। आरोप खासा गंभीर होने पर प्रशासनिक स्तर पर खलबली मच गई थी। एडीएम को दिए गए ज्ञापन में पशुपालन, विकास विभाग से लेकर ग्राम पंचायत स्तर पर जिम्मेदारों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए गए थे। जिसके बाद सीडीओ धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने मामले की टीम भेजकर जांच कराई। 

डीएम संजय कुमार सिंह भी प्रकरण को लेकर गंभीर हुए थे। इधर, दूसरे ही दिन तीन और पशुओं की मौत हो गई थी। कई कमियां देवीपुरा गोशाला से सामने आइ थी। इस लेकर तय किया गया था कि देवीपुरा गोशाला का पूरा स्टाफ बदला जाएगा।  प्रधान और पंचायत सचिव को हर बार की तरह नोटिस जारी करने की बात कहकर कर्तव्यों से इतिश्री कर ली गई थी।  

अब देवीपुरा गोशाला से सामने आई बदहाल तस्वीर के बाद जनपद में संचालित हो रही अन्य गोशालाओं को लेकर भी जिम्मेदार संजीदा हुए हैं।  कहीं अन्य स्थानों पर भी कोई बदहाली तो नहीं..इसका पहले से पता लगाकर सुधार कराया जाएगा।   इसके लिए लगभग पूरी तैयारी कर ली गई है। सत्यापन जल्द ही शुरू कराया जाएगा।  सीवीओ को इसके लिए निर्देशित भी कर दिया गया है।

नोडल अधिकारियों की मदद से होगा सत्यापन
जनपद में 50 से अधिक गोशालाएं संचालित हो रही है।  जिसमें पांच हजार से अधिक पशु आश्रत हैं। वैसे तो कई बार ग्रामीण इलाकों में बनवाए गए आश्रय स्थलों से भी बदहाली को बयां करती तस्वीर उजागर होती रही है। बीते साल मरौरी क्षेत्र की एक ग्राम पंचायत के प्रधान पर तो गोशाला का भूसा चोरी करने की भी रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की गई थी। इसके अलावा कई अन्य गोशालाओं में गोवंश की मौत हुई थी तो मामला शासन स्तर तक पहुंचा था। 

ऐसे में देवीपुरा गोशाला प्रकरण उजागर होने के बाद सत्यापन के लिए नोडल अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।  ये दिखवाया जाएगा कि आखिर किस गोशाला में कितने गोवंश आश्रित हैं। उनके खानपान, रहने और इलाज के क्या इंतजाम हैं।  पशुओं के मरने के बाद उन्हें दफनाने के लिए क्या व्यवस्था की गई है। इसके अलावा पशुओं के मरने का आंकड़ा किस तरह का चल रहा है। तमाम बिंदुओं पर सत्यापन अधिकारी कराएंगे।

देवीपुरा गोशाला पहुंचा गौर धाम परिवार, की सेवा
पिछले काफी समय से गौर धाम परिवार के सदस्य देवीपुरा गोशाला में सेवा कर रहे हैं। टिनशेड और फर्श निर्माण के साथ ही महिलाओं बच्चों समेत पहुंचकर गोवंश की सेवा करते हैं।  गुरुवार को भी गौर धाम परिवार के सदस्य देवीपुरा गोशाला पहुंचे। गोवंश के लिए हरा चारा समेत अन्य खानपान के इंतजाम किए।

महिलाएं बच्चे और पुरुषों ने गोवंश के बीच काफी समय बिताया और गोशाला की व्यवस्था सुधारने के लिए धरातल पर गोसेवा की मुहिम से जुड़ने की अपील लोगों से की गई।  कुछ सदस्यों ने देवीपुरा गोशाला प्रकरण में स्टाफ बदलने के निर्णय को लेकर भी विचार रखे।  कहा कि जिसकी जो जिम्मेदार तय है, वह उसे बखूबी निभाए..तभी हकीकत में सुधार हो सकेगा।

गोवंश को खिलाया गुड़ और चना
मझोला, अमृत विचार: अमरिया तहसील क्षेत्र के ग्राम भरा पचपेड़ा की गोशाला में भी इन दिनों गोवंश गर्मी से बेहाल हो रहे हैं। भीषण गर्मी को देखते हुए गोसेवकों ने गुरुवार को गोशाला पहुंचकर गोवंश को गुड़ चना खिलाया। पीने के लिए इंजन चलाकर बनाई गई होदिया में पानी की व्यवस्था कराई। दो इंजन लगाकर गायों के लिए चार की बिजाई भी कराई। इस मौके पर गुरविंदर सिंह मिंटा, प्रगट सिंह, हरविंदर सिंह, हरपाल सिंह, कड़ेराम, लक्ष्मण, कमलेश, पूरनलाल, जगतार सिंह, महेंद्र सिंह, तेजराम ,रंजीत सिंह आदि मौजूद रहे।

जनपद भर की गोशालाओं का सत्यापन कराया जाएगा। नोडल अधिकारियों के स्तर से सभी बिंदुओं पर व्यवस्थाएं दिखवाई जाएंगी।  ताकि कोई कमी है भी तो उसे दूर किया जा सके।  सीवीओ को इसके लिए निर्देशित कर दिया गया है- धर्मेंद्र प्रताप सिंह, सीडीओ

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