आंवला में वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य सेवाएं, ओपीडी में हर रोज चार सौ ज्यादा मरीज...डॉक्टर सिर्फ एक

आंवला में वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य सेवाएं, ओपीडी में हर रोज चार सौ ज्यादा मरीज...डॉक्टर सिर्फ एक

फोटो-- आंवला सीएचसी पर मरीजों से घिरे डॉक्टर।

बरेली/आंवला, अमृत विचार। 78 हजार आबादी वाले कस्बे में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बुरा है। सीएचसी यानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर हर रोज चार सौ से ज्यादा मरीज ओपीडी में आ रहे हैं, लेकिन डॉक्टर सिर्फ एक है। हालांकि कागजी रिकार्ड में कहने के लिए दो डॉक्टर हैं। इनमें से चिकित्सा अधीक्षक का प्रमोश हो चुका है।

वह सप्ताह में एक दिन यहां आते हैं। डॉक्टरों के 12 पद हैं। इनमें सिर्फ एक ही पद पर तैनाती है। अन्य रिक्त हैं। सर्जन, फिजीशियन, एनेस्थेटिक, स्त्री रोग विशेषज्ञ, दंत शल्यक, महिला चिकित्साधिकारी, बाल रोग विशेषज्ञ और

डेंटल सर्जन भी नहीं है। मरीजों को बेहतर इलाज देने के दावे दम तोड़ रहे हैं। हैरानी की बात है कि विभाग और न ही जनप्रतिनिधियों को इससे कोई सरोकार है।

सीएचसी पर 30 बेड की व्यवस्था है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. इंतजार हुसैन का प्रमोशन हो चुका है। उन्हें जिला अस्पताल में क्षय रोग अधिकारी की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। अब वह सप्ताह में एक दिन सीएचसी पर आते हैं। पूरे अस्पताल की जिम्मेदारी डॉ. मोहम्मद सलीम के कंधों पर है। इमरजेंसी सुविधा का भी हाल बेहाल है। यहां आने वाले अधिकांश घायलों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। डॉक्टरों के आलवा चीफ फार्मासिस्ट, एलटी, डीआरए का भी पद रिक्त है।

डाक्टरों की तैनाती का कई बार उठ चुका है मुद्दा
कस्बे के व्यापारी और सामाजिक संगठन कई बार डॉक्टरों की तैनाती का मुद्दा उठा चुके हैं, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। भारतीय बजरंग दल के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित शर्मा ने बताया कि वह रिक्त पदों पर डॉक्टरों को तैनात करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल तक कर चुके हैं, लेकिन अफसरों से अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है।

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