पीलीभीत: अवैध कॉलोनियां बनकर तैयार, प्लाट भी हो गए बुक...अब आई कार्रवाई की याद, 9 कॉलोनाइजर को भेजा नोटिस
पीलीभीत, अमृत विचार: एक बार फिर अवैध कॉलोनियों का जिन्न बाहर निकला है। कॉलोनाइजरों ने बिना नक्शा पास कराए कॉलोनियां काट दी। कईयों में तो प्लाट की बुकिंग भी हो गई और अब जिम्मेदार जागे हैं। नियम विरुद्ध तरीके से फैलते जा रहे कॉलोनियों के मकड़जाल को लेकर हर बार की तरह नोटिस बाजी शुरू की गई है।
जिला पंचायत की ओर से अवैध कॉलोनियां चिन्हित करते हुए नौ कॉलोनाइजरों को नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस प्राप्ति के पंद्रह दिन के भीतर कॉलोनाइजर को जवाब देना होगा। अब देखना है कि हर बार की तरह प्रक्रिया नोटिस देने तक सिमटती है या फिर उसके आगे भी एक्शन हो सकेगा। फिलहाल नोटिस जारी होने के बाद खलबली मच गई है।
बता दें कि शहर के आसपास और ग्रामीण अंचलों में हाईवे किनारे स्थित जमीन को किसानों से सस्ते दाम में खरीदने के बाद अनधिकृत तरीके से कॉलोनियां बसाई जा रही हैं। यह सिलसिला लंबे समय से चलता आ रहा है। मगर, प्रशासनिक स्तर से सख्ती नहीं हो पा रही। टनकपुर हाईवे, आसाम हाईवे, शाहजहांपुर हाईवे और माधोटांडा मार्ग समेत कई जगह पूर्व में दर्जनों कॉलोनियों बनकर तैयार खड़ी कर दी गई थी।
इसके अलावा अन्य इलाकों में भी कॉलोनियों के निर्माण कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं। इनमें अधिकांश कॉलोनियों का विनियमित क्षेत्र से न तो नक्शा पास है और न ही उन्हें निर्धारित मानक के अनुरूप बनाया गया है। खास बात यह है कि इन अधिकांश कॉलोनियों के निर्माण में कॉलोनाइजरों का सीधा दखल भी नहीं है। बताते हैं कि किसान से जमीन का एग्रीमेंट कराकर उनकी प्लाटिंग की जा रही है। जिसका कोई भी लेआउट या नक्शा पास नहीं है।
एक तरह से इसे राजस्व की चोरी माना जा सकता है। बीते साल की इस तरह की दो दर्जन से अधिक कॉलोनियों को नोटिस जारी किए गए थे। इसके बाद कुछ ने अपने अभिलेख समेत जवाब अधिकारियों के समक्ष पेश किए , जबकि कइयों को अभयदान मिल गया था। खैर, अब एक बार फिर अवैध कॉलोनियों को लेकर जिला पंचायत की ओर से कार्रवाई की शुरुआत की गई है। बिना लेआउट पास कराए बनवाई जा रही नौ कॉलोनियां चिन्हित की गई है। जिन पर अब कार्रवाई की तैयारी शुरू हो चुकी है। जिला पंचायत की ओर से नौ कॉलोनियों के कॉलोनाइजर को नोटिस जारी किए गए हैं।
नोटिस के बाद आगे नहीं बढ़ती कार्रवाई
अवैध कॉलोनियों को लेकर शिकायतें हो या फिर प्रशासन की ओर सख्ती के दावे..बीते कुछ सालों में चली कार्रवाई पर नजर डालें तो सख्ती दर्शाते हुए नोटिस तो जारी किए जाते हैं।मगर उसके बाद रिमाइंडर नोटिस फिर उसके आगे की कार्रवाई धरातल पर नहीं दिखती। जिससे कई बार जिम्मेदारों की कार्यशैली पर भी सवाल उठ चुके हैं। कुछ जगह जेसीबी ले जाकर पूर्व के अधिकारियों ने जरूर कराए गए निर्माण को जेसीबी से ध्वस्त कराया था। मगर, संबंधित कॉलोनियों पर इसके आगे कार्रवाई नहीं हो सकी। कॉलोनाइजरों ने नियम पालन कर लिया या फिर कोई अन्य वजह रही कि कार्रवाई अधर में रही। इसे लेकर जवाब देने से भी जिम्मेदार बचते है।
इन नौ कॉलोनियों को लेकर दिए गए नोटिस
जिला पंचायत की ओर से इस बार जो नौ कॉलोनाइजरों को नोटिस दिए गए हैं। शहर से दूर हाईवे किनारे बनवाई जा रही कॉलोनियों को लेकर हैं। खमरिया पंडरी में रेलवे क्रासिंग के पास, खमरिया पंडरी में करोड़ रोड विक्रमपुर मदरसे के नजदीक, विक्रमपुर में लाइनपार बाई तरफ, विक्रमपुर में लाइनपार दाई तरफ, ग्राम पौटा में बीसलपुर रोड पर एक भट्ठे के नजदीक, ग्राम पुन्नापुर में नवाबगंज-बरखेड़ा मार्ग पर , न्यूरिया हुसैनपुर में दो, गजरौला कलां में एक कॉलोनी को अवैध मानते हुए नोटिस जारी किए गए हैं।
...तो खामियाजा भुगत रहे खरीदार
पूर्व में भी कई कॉलोनियों को लेकर नोटिस जारी किए गए थे। इनमें प्रशासनिक स्तर पर जो भी रहा, लेकिन कईयों ने खुद की गर्दन बचा ली। बताते हैं कि इसका असर प्लाट खरीदने वालों पर पड़ा। कईयों के प्लाट ऐसे ही खड़े हैं। कॉलोनाइजर ने प्लाटिंग करते वक्त तो कई सुविधाएं गिना दी। अच्छी खासी रकम भी ली गई। मगर लंबे समय बाद भी बिजली की सुविधा तक संबंधित कॉलोनियों में नहीं हो सकी है। जिसके इंतजार में कई प्लाट स्वामी अपने मकान के निर्माण भी नहीं करा पा रहे हैं।
बिना नक्शा व लेआउट कॉलोनी बनाने का मामला सामने आया है। इसको लेकर नौ कॉलोनाइजरों को नोटिस भेजा गया है। इन सभी को अभिलेख प्रस्तुत करने को कहा गया है- हरमीक सिंह, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत
