छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन की आत्मकथा का विमोचन
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन द्वारा लिखित आत्मकथा ‘बैटल नॉट यटओवर’ का रविवार को विमोचन किया गया। इंडियन कॉन्फ्रेंस आफ इंटेलेक्चुअल की ओर से यहां आयोजित सेमिनार में राष्ट्रीय विधि आयोग के अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एवं ओडिशा के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वी गोपाल गौडे ने पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर हरिचंदन का अभिनंदन भी किया गया।
मूल रूप से उड़िया भाषा में लिखी इस आत्मकथा का अंग्रेजी अनुवाद प्रसिद्ध लेखक एवं अकादमी पुरस्कार विजेता प्रोफेसर भगवान जय सिंह ने किया है। इस अवसर पर हरिचंदन ने कहा कि अपनी आत्मकथा में उन्होंने अपने जीवन के संघर्षों और उनसे मिली सीख को साझा किया है।
उन्होंने कहा कि वह अपने पिता स्वर्गीय परशुराम हरिचंदन की देशभक्ति से प्रेरित थे जिन्होंने अन्याय के खिलाफ लड़ना सिखाया। उन्होंने कहा “मेरे रिश्तेदारों और शुभचिंतकों की प्रेरणा से यह पुस्तक इस रूप में सामने आई है।
राज्यपाल ने कहा कि वह जिस भी पद पर रहे, उन्होंने हमेशा न्याय के लिए काम किया और अन्याय के खिलाफ मुखर रहे। पुस्तक में उनके राजनीतिक संघर्षों, आपातकाल के दौरान संघर्ष, उस समय ओडिशा के राजनीतिक परिदृश्य, लोगों के कल्याण के लिए मंत्री के रूप में उनके द्वारा की गई पहल के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।
सेमिनार को डॉ विजयानंद सिंह ने संबोधित किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्यपाल हरिचंदन की पुस्तक के बारे में दिये गये संदेश का वाचन किया। केन्द्रीय साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवास राव, प्रख्यात लेखक प्रो.डॉ. विजयानंद सिंह समेत कई गणमान्य हस्तियां मौजूद रही।
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