लखीमपुर खीरी: परिचालक ने अनुबंधित बस को बताया अनफिट तो उसे ड्यूटी से ही हटा दिया

लखीमपुर खीरी: परिचालक ने अनुबंधित बस को बताया अनफिट तो उसे ड्यूटी से ही हटा दिया

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। परिवहन निगम की बसें चाहें अपनी हों या फिर अनुबंध वाली, गिनती की बसों को छोड़कर अन्य सभी की हालत कंडम है। इनमें तमाम बसें ऐसी भी हैं, जो अनफिट होने के बावजूद रूट पर फर्राटा भर रही हैं। इससे यात्रा के दौरान खासकर ठंड के मौसम में मुसाफिरों को असुविधा हो रही है। ऐसी बस के बारे में अधिकारियों को बताना परिचालक को महंगा पड़ गया। बस मालिक ने जिम्मेदारों से मिलकर परिचालक को ही बस पर से हटवा दिया है। परिचालक की पत्नी ने इस मामले की शिकायत विभागीय उच्चाधिकारियों से की है।

गोला डिपो में कुल बसों की संख्या 124 है। इनमें परिवहन निगम की 94 बसें हैं और अनुबंधित बसों की संख्या 30 है। निगम से लेकर अनुबंध पर लगी बसों में से अधिकतर की हालत बेहद दयनीय है। स्थिति यह है कि अधिकतर बसों में न तो फर्स्ट एड बॉक्स है और न ही आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र। वहीं सीटें फटी और इनके कवर इतने गंदे हैं कि यात्रियों के कपड़े तक खराब हो जाते हैं। न तो इनकी वायरिंग सही है और न ही इंजन दुरूस्त है। इंजन से निकलने वाली तेज ध्वनि यात्रियों के लिए सिरदर्द का कारण बन रही हैं।

स्वत: खुल रहे खिड़कियों के शीशे
सर्दी का मौसम है। ऐसे में बसों की खिड़कियां ब्रेक लगाने पर अपने आप खुलती और बंद होती है। खिड़कियों के बार बार खुलने बंद होने से सर्द हवा मुसाफिरों के लिए मुसीबत बनने के साथ बीमारियों का कारण बनती है। इसकी वजह खिड़कियों के शीशों में  रबड का न होना या फिर रबड़ का ढीला हो जाना है। ऐसे में सफर के दौरान यात्रियों को बार बार खिड़कियां बंद करने की जहमत उठानी पड़ती है।

परिचालक की पत्नी ने अधिकारियों को भेजी शिकायत
स्टेशन रोड निवासी नैना सिंह ने विभागीय अधिकारियों को भेजे गए शिकायती पत्र में लिखा है कि बस संख्या यूपी 31 एटी 3683 का इंजन काफी आवाज करता है। वहीं शीशे भी दुरूस्त नहीं है। उन्होंने बताया कि हमारे पति ने इंजन और शीशे सही कराने के लिए डिपो के जिम्मेदारों को सूचना दी। मगर, बस को सही न कराकर पति को ही बस से हटा दिया गया है। नैना सिंह ने मामले की जांच कर न्याय की गुहार लगाई है।

जानिए क्या बोले एआरएम
एआरएम गोला डिपो महेश चंद्र कमल ने बताया कि बस संख्या 3683 के मालिक एवं पूर्व परिचालक अभिजीत सिंह के बीच मतभेद थे। इस पर बस मालिक ने दूसरा परिचालक देने की लिए लिखा था, क्योंकि इनकम कम आने पर बस मालिक के देयकों से कटौती होती है। अभिजीत सिंह का लोड फैक्टर कम था। रही बात बस की स्थित की तो फोरमैन से इसकी जांच कराई जाएगी। यदि दिक्कत मिली तो बस का संचालन रोक दिया जाएगा।

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