Unnao में ननद-ननदोई को मिला आजीवन कारावास, विवाहिता को जिंदा जलाकर मारा था

Unnao में ननद-ननदोई को मिला आजीवन कारावास, विवाहिता को जिंदा जलाकर मारा था

उन्नाव, अमृत विचार। महिला को जिंदा जलाने के मामले में कोर्ट ने मृतका के ननद व उसके पति को आजीवन कारावास के आदेश दिए हैं। साथ ही उन पर 25-25 हजार का जुर्माना भी लगाया है। इसी केस में नामजद एक अन्य आरोपी को कोर्ट ने बरी किया है।

बता दें कि लखनऊ जिला के देवपुरम राजाजी पुरम निवासी रवीन्द्र नाथ द्विवेदी ने 18 दिसंबर-2010 को हसनगंज कोतवाली पुलिस को शिकायती पत्र देकर बताया था कि उसकी बेटी ऊषा की शादी घटना से 22 साल पहले मोहान कस्बा के श्रवण तिवारी से हुई थी। बताया कि उसके कोई संतान नहीं थी। 

इससे उसका पति श्रवण कुमार, उसकी बहन सरला, आशा, ननदोई पप्पू द्विवेदी व विधानाथ तिवारी, कुन्दन उर्फ कल्लू, विजय उर्फ छोटू, शानू पुत्र सिद्धीनाथ प्रताड़ित कर उसे शारीरिक व मानसिक यातना देते थे। उनकी मंशा  बेटी की हत्या कर दूसरी शादी कराने की थी। 12 दिसंबर-2010 को ससुरालियों ने बेटी को मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला दिया। दिखावे की नीयत उसे लखनऊ के बलरामपुर हास्पिटल ले गये थे। 

जहां बेटी ने रो-रोकर सभी पर मिट्टी का तेल डालकर जान से मारने की नीयत से जलाने की बात बताई थी। 16 दिसंबर -2010 की सुबह पांच बजे उसकी मौत गई थी। तत्कालीन एसआई अंजनी कुमार तिवारी ने आरोपी ननद सरला, उसके पति पप्पू द्विवेदी, उसके बेटे कुंदन उर्फ कल्लू व नाबालिग बेटे विजय उर्फ छोटू के विरुद्ध 7 फरवरी-2011 को चार्जशीट दाखिल की थी। 

तभी से मामला एडीजे-1 की कोर्ट में विचाराधीन था। सोमवार को मुकदमे की अंतिम सुनवाई पूरी हुई। इसमें शासकीय अधिवक्ता अजय कुशवाहा की दलीलों के आधार पर एडीजे मो. असलम सिद्दकी ने सरला व उसके पति पप्पू द्विवेदी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास के आदेश दिये। वहीं साक्ष्य के अभाव में उसके बेटे कुंदन उर्फ कल्लू को बरी कर दिया।

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