गोरखपुर : संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल हो भोजपुरी भाषा, धरना देकर बुलंद की आवाज

गोरखपुर : संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल हो भोजपुरी भाषा, धरना देकर बुलंद की आवाज

गोरखपुर, अमृत विचार । क्रांति दिवस के अवसर पर मंगलवार को भोजपुरी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए तमाम साहित्यकारों ने टाउन हॉल गांधी प्रतिमा के पास धरना दिया। प्रगतिशील भोजपुरी समाज संस्था (पीएसएस) के बैनर तले सम्पन्न इस धरने का साहित्यकार नंदलाल मणि त्रिपाठी ने अध्यक्षता की। अपने संबोधन …

गोरखपुर, अमृत विचार । क्रांति दिवस के अवसर पर मंगलवार को भोजपुरी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए तमाम साहित्यकारों ने टाउन हॉल गांधी प्रतिमा के पास धरना दिया। प्रगतिशील भोजपुरी समाज संस्था (पीएसएस) के बैनर तले सम्पन्न इस धरने का साहित्यकार नंदलाल मणि त्रिपाठी ने अध्यक्षता की।

अपने संबोधन में पीएसएस के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण देव ने कहा कि सरकार, भोजपुरी भाषा को संवैधानिक मान्यता न देकर 25 करोड़ भोजपुरी भाषा बोलने वालों का अपमान कर रही है। वरिष्ठ कवि चंदेश्वर परवाना ने कहा कि भोजपुरी की रोटी खाने वाले कई सांसद आज तक भोजपुरी की आवाज संसद में नहीं उठा पाएं यह बहुत दुखद है।

प्रगतिशील भोजपुरी समाज के महासचिव व कार्यक्रम संयोजक डॉ. जनार्दन सिंह ने कहा कि 9 अगस्त को क्रांति दिवस के तौर पर मनाया जाता है। अब तक भोजपुरी भाषा को संवैधानिक मान्यता न मिलने पर हम लोगों ने अपनी मातृभाषा के सम्मान व स्वाभिमान के लिए आज से आंदोलन की घोषणा किए हैं। भोजपुरी के लिए अब सडक़ से संसद तक आंदोलन चलेगा।

धरना के दौरान जर्नादन सिंह ने कहा कि सरकार लोकसभा में अविलंब बिल पारित कर भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता दें। कार्यक्रम में अताउल्लाह शाही, मकबूल अहमद मंसूरी, सुरेश कुशवाहा, अरुण कुमार, यशवंत सिंह यादव, रामनिवास, रणजीत, शोभित निषाद, बुध नारायण, कल्याणी देवी, जगदीश, रामचंद्र कृपाल, राजेंद्र प्रसाद, जयदेव, आधाराम, अर्चना चौरसिया, कृपाशंकर, रत्नेश कुमार निरहू, चंद्रेश्वर परवाना अनीता देवी सहित कई लोग मौजूद रहे।

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