संक्रमण के दौर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगी नीम की पत्तियां, जानिए कैसे…

संक्रमण के दौर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगी नीम की पत्तियां, जानिए कैसे…

रामनगर, अमृत विचार। संक्रमण के समय शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो जाया करती है। जिसे हम इम्यूटी भी कहते हैं। जिसकी वजह से शरीर में कई प्रकार के रोग घर करने लगते हैं। प्रकृति में ऐसे बहुत से पौंधें है जिनके प्रयोग से हम अपनी इम्यूटी को बढ़ा सकते हैं। इन्हीं पौंधें में …

रामनगर, अमृत विचार। संक्रमण के समय शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो जाया करती है। जिसे हम इम्यूटी भी कहते हैं। जिसकी वजह से शरीर में कई प्रकार के रोग घर करने लगते हैं। प्रकृति में ऐसे बहुत से पौंधें है जिनके प्रयोग से हम अपनी इम्यूटी को बढ़ा सकते हैं। इन्हीं पौंधें में नाम भी शुमार है। जिसे मानव जाति के कल्याण के लिए अनंत काल से प्रयोग किया जाता रहा है।

नीम के कई नाम-नीम जिसे निम्ब, अरिष्ट, तिक्तक, अर्कपादप, नीमो और लिंबा नाम से भी पुकारा जाता है। एजाडिरैक्टा इंडिका है। यह मिलिएसी कुल का पौंधा है।

पीढ़ी दर पीढ़ी ने माना है नीम का महत्व: नीम का प्रयोग हमारी पीढ़ी दर पीढ़ी से चला आ रहा है। नीम का छांव, नीम का दातून, नीम की खली,नीम चढ़ा गिलोय आदि किसी न किसी रूप में नीम मनुष्य को अपनी सेवाएं देता आया है।
रक्त शोधन में राम बाण नीम की पत्तियां रक्त शोधन में रामबाण का काम करती है। दातून के प्रयोग में नीम को सदियों से प्रयोग में लाया जाता रहा है।

संक्रमण काल में नीम जरूरी: संक्रमण काल में जब मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगे तो नीम का काढ़ा बनाकर उसका सेवन हर व्यक्ति को करना चाहिए। संक्रमण से बचाव का उदाहरण हमारे पूर्वज हमें बता जैसे घर के बाहर नीम की शाखा को लगाना या दरवाजे की चौखट पर नीम की टहनियों को टांग देना यह संक्रमण से बचाव के उपाय ही थे। जब कोई ज्वर से पीरिू़त होता था अथवा महिलाओं के प्रसव काल के दौरान उसके कक्ष के बाहर नीम की टहनियों को बांध दिया जाता था।

कई रोगों में भी रामबाण: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही नीम त्वचा रोग, दंत विकार, बवासीर, पेट दर्द, नकसीर, पांड रोग, योनिसूल प्रदर, रक्त विकार, चर्म रोग, मासिक विकार आदि में लाभकारी है।

वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी के वन क्षेत्राधिकारी मदन बिष्ट बताते हैं कि संक्रमण काल में नीम की पत्तियों का काढ़ा पीने से संक्रमण पर शीघ्र काबू पाया जा सकता है। ताजी पत्तियों को उबाल कर उनका काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है। इसके अलावा सूखी पत्तियां का पावडर बनाकर पानी के साथ उसे भी लिया जा सकता है। नीम का तेल आमबात में बहुत की लाभकारी है।