लखनऊः लाचार हुए PHC, रीजेंट के लिए बजट नहीं, जांचें अटकी
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लखनऊ, अमृत विचार : राजधानी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में जांचों के लिए अभी मरीजों को इंतजार करना पड़ेगा। विभाग को रीजेंट के लिए अभी बजट नहीं मिल पाया है।
जिले में सीएमओ के अधीन 20 सीएचसी और 82 पीएचसी संचालित हैं। पीएचसी पर न होने वाली जांच सीएचसी से कराई जाती है। अभी तक सीएचसी पर 15-20 जांचों की सुविधा है। बीकेटी, सरोजनीनगर, मोहनलालगंज, माल, मलिहाबाद, काकोरी, चिनहट समेत अन्य सीएचसी पर हॉर्मोनल, बॉयोकेमेस्ट्री, थॉयराइड समेत अन्य जांचों के लिए नमूने लेकर लोकबंधु या दूसरे बड़े अस्पताल भेजे जाते हैं। वहां से जांच रिपोर्ट आने में करीब 24 से 36 घंटे लगते हैं। इससे मरीजों का समय पर सही इलाज शुरू करने में डॉक्टरों को दिक्कत आती है। गंभीर मरीज निजी केंद्रों से महंगी दर पर जांच कराने को मजबूर होते हैं।
मरीजों की सुविधा के लिए सीएचसी पर स्वचलित बायोकेमेस्ट्री व सीबीसी मशीन स्थापित की गई हैं। इन मशीनों से सीएचसी पर 65 से अधिक तरह की जांचें होने की बात कही गई थी। मशीनों से जांच के लिए सीएमओ से रीजेंट की मांग की गई थी। मार्च के शुरुआती सप्ताह में जांचें शुरू होने की उम्मीद थी। किंतु रीजेंट के लिए शासन से अभी बजट ही नहीं जारी हो पाया है। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह का कहना है कि जांचें बढ़ने से मरीजों को राहत मिलेगी। स्वास्थ्य केंद्रों पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए विभाग प्रयासरत हैं। जल्द ही रीजेंट की खरीद प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी।
ये जांचें शुरू होनी हैं
डी डाइमर ब्लड में क्लॉट की जांच, सीरम क्रिटनिन ब्लड यूरिया, एसजीपीटी, एसजीओटी, टोटल प्रोटीन, टोटल कोलस्ट्राल, सिरम यूरिक एसिड, आयरन, सोडियम, पोटैशियम, सीरम वीएलडीएल, सीरम एचडीएल, सीरम एलडीएल, सीरम जीजीटी, समेत अन्य जांचों की सुविधा मिलेगी।
क्या होता है रीजेंट
खून की जांच में रीजेंट का बहुत महत्व होता है, क्योंकि ये रक्त के नमूनों में विशिष्ट पदार्थों या अणुओं के साथ प्रतिक्रिया करके, उनकी उपस्थिति या मात्रा को मापने में मदद करते हैं। जिससे बीमारियों का पता लगाने और इलाज में मदद मिलती है।