रामपुर : महिलाओं को विशेष शक्ति प्रदान करता है हमारा संविधान -नीरजा
आज की नारी तमाम क्षेत्रों में कर रही नेतृत्व

रामपुर, अमृत विचार। मुख्य अतिथि प्रोफेसर नीरजा सिंह ने कहा कि भारत के संविधान ने उन आवाजों को ऊपर उठाने में अत्यधिक योगदान दिया है जिन्होंने भविष्य को आकार दिया तथा अभी भी दे रही हैं। वर्ष 1950 से लेकर अब तक कई दशकों तक भारतीय राष्ट्र और उसका संविधान महिला नेताओं, रचनाकारों, नवाचारों और परिवर्तन करने वालों की शक्ति का समर्थन करता रहा है। हमारा संविधान महिलाओं को विशेष शक्ति प्रदान करता है जिसके कारण आज की नारी आज बहुत से क्षेत्रों में नेतृत्व कर रही है।
रजा लाइब्रेरी में शनिवार को 50 वें अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में 21 वीं सदी में महिला नेतृत्व का आयोजन विषय पर संगोष्ठी हुई। मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय की इतिहास विभाग प्रोफेसर नीरजा सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ. किश्वर सुल्ताना ने कहा कि नारी कभी भी कर्म क्षेत्र में पीछे नहीं हटी। परिवार संचालन, खेत खलियान में काम करने के साथ, स्वतन्त्रता आंदोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र की बात करें तो इस क्षेत्र में महिला नेतृत्व बहुत बढ़ा है। विशेष अतिथि डॉ. बेबी तबस्सुम ने कहा कि लीडरशिप किसी के लिए भी बहुत व्यक्तिगत होता है एवं विज्ञान विषय से होने के नाते मुझे एक बात समझ में आती है कि अगर बदलाव चाहिए तो बहुत ही बेसिक लेवल पर आना चाहिए। लाइब्रेरी के निदेशक डॉ. पुष्कर मिश्र ने कहा कि हम मनुष्य को जिस विश्व दृष्टि में देखते हैं उस विश्व दृष्टि में निःसन्देह नर नारी दोनों आ जाते हैं। कहा कि 21वीं सदी की नारी विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी बनी हुई है, लेकिन 22वीं सदी का नेतृत्व सम्पूर्ण विश्व में स्त्री करने वाली है। नारी का आदिकाल से मानना है कि मुक्ति का आधार पाना चाहती हूं,ले सृजन के तार गाना चाहती हूं,चेतना के पंख कोमल पर सवल हैं। नारी हमेशा से अनेकानेक क्षितिज प्राप्त करना चाहती है। नारी यह कार्य आदियुग से करती आ रही है।आज प्रत्येक क्षेत्र में नारी आगे बढ़ रही है। इस अवसर पर अरुण कुमार सक्सेना, हिमांशु सिंह, सैयद तारिक अजहर, सनम अली खान समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
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