बरेली: बलि देने के लिए ताई ने ही किया था मिष्ठी का अपहरण

पुलिस का दावा, शाम को तलाश शुरू हुई तो घबराहट में ताई सावित्री ने दबा दिया गला, चचिया ससुर समेत जेल भेजा

बरेली: बलि देने के लिए ताई ने ही किया था मिष्ठी का अपहरण

 बरेली, अमृत विचार । इज्जतनगर पुलिस ने दावा किया है कि गांव शिकारपुर चौधरी में चार साल की बच्ची मिष्ठी का अपहरण उसकी ताई सावित्री ने बलि देने के लिए किया था। रात में वह अपने चचिया ससुर गंगाराम से तंत्रमंत्र कराकर मिष्ठी की बलि देना चाहती थी लेकिन इससे पहले ही पूरे गांव में उसकी तलाश शुरू हो गई। इस पर डर की वजह से उसने उसका गला दबा दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों से कब्जे से तंत्र क्रिया में इस्तेमाल होने वाले सामान की बरामदगी भी दिखाई है।


सावित्री और गंगाराम को अदालत में पेश कर जेल भेजने से पहले पुलिस ने मिष्ठी की हत्या का घटनाक्रम मीडिया से साझा किया। बताया कि मिष्ठी की हत्या अंधविश्वास में की गई थी। उसकी ताई सावित्री पति, देवर और ससुर की आकस्मिक मौत हुई थी। तीनों बेटे भी कई साल से उससे कोई मतलब नहीं रखते थे। उसके चचेरे ससुर गंगाराम ने उसे इस परेशानी से निजात पाने के लिए दिवाली से पहले किसी बच्ची की बलि देने की सलाह दी थी। उसकी सलाह पर ही सावित्री ने मिष्ठी का अपहरण किया था। शाम को पुलिस ने गांव में मिष्ठी की तलाश शुरू की तो उसने डर की वजह से उसे गला दबाकर मार डाला। पुलिस को मिष्ठी का शव सावित्री के घर में एक बोरी में मिला था। पुलिस की पूछताछ में सावित्री ने हत्या करने की बात स्वीकार कर ली। पुलिस ने सावित्री और गंगाराम को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।

देर रात बलि देने की थी तैयारी

पुलिस के मुताबिक सावित्री ने पूछताछ में बताया कि उसके पति राधेश्याम की चार साल, देवर बाबूराम की तीन साल और ससुर डोरीलाल की आठ साल पहले आकस्मिक मौत हुई थी। झारखंड में रह रहे उसके तीन बेटे भी उससे कोई मतलब नहीं रखते। गंगाराम झाड़फूंक का काम करता है। उसने उसे कम उम्र की लड़की की दिवाली से पहले बलि देने की सलाह देते हुए दावा किया था कि इससे सब ठीक हो जाएगा। वे दोनों रात में मिष्ठी की बलि देने की तैयारी कर रहे थे लेकिन इसी बीच उसकी खोजबीन शुरू हो गई। उसे लगा कि अब वह फंस जाएगी तो गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।

कुरकुरे और टॉफी का दिया था लालच
पुलिस के मुताबिक सावित्री मिष्ठी को कुरकुरे और टॉफी दिलाने का लालच देकर घर से ले गई थी और उसे दुकान से कुछ सामान भी दिलाया था। वह और गंगाराम उसे रात तक रोकना चाहते थे लेकिन शाम होते ही मिष्ठी अपनी मां के पास जाने के लिए जिद करने लगी। दोनों ने उसे खिला-पिलाकर बहलाने की कोशिश की लेकिन वह और ज्यादा रोने लगी। इसी बीच उसके घर वालों ने भी उसकी तलाश शुरू कर दी। इसके बाद पकड़े जाने के डर से उसने उसका गला दबा दिया।


गंगाराम के बेटे भी छोड़ गए थे साथ
गंगाराम ने बताया कि 2012 में रेलवे से चतुर्थ श्रेणी पद से सेवानिवृत होने के बाद उसने गांव में रहकर तंत्रमंत्र शुरू किया था। इसी कारण उसके बेटे अलग मकान बनाकर रहने लगे। उसकी पत्नी की मौत पहले हो चुकी थी। हाल ही में उसने फूलनदेवी नाम की महिला को पत्नी के तौर पर घर में रख लिया। मिष्ठी की हत्या के बाद दोनों एक जंगल में जाकर छिप गए थे लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 


पुलिस ने ये दिखाई बरामदगी

पुलिस के मुताबिक सावित्री और गंगाराम के कब्जे से मिष्ठी की चप्पल, हाथ में पहने कड़े, लाल रंग की चुन्नी, रोली, हवन सामग्री, कुमकुम, कपूर, सिंदूर, मेंहदी के पैकेट, लाल रंग की चार छोटी चूड़ी, काजल, पांच सुपारी, माचिस की डिब्बी, दो जायफल, तांबे का छोटा लोटा, मिट्टी का दीया, विभिन्न रंगों की लॉकेट वाली माला, स्टील की प्लेट और तिल के तेल की छोटी शीशी मिली। गंगाराम की एक पैर की चप्पल भी बरामद की गई है।

पुलिस के भय से बच्ची की गला दबा कर की हत्या
इज्जतनगर थाना प्रभारी धनंजय पांडेय ने बताया कि सावित्री और गंगाराम अंधविश्वास में तंत्र-मंत्र क्रिया के साथ बच्ची की बलि देने की फिराक में थे। पुलिस की सक्रियता से डरकर दोनों ने बच्ची का गला दबाकर हत्या कर दी।