Bareilly: हवालात में बंदियों के दो गुट भिड़े, धारदार हथियार से हमला...गैंगवार में शामिल थे ये अपराधी
बरेली, अमृत विचार : पेशी के लिए जेल से लाए गए बंदियों के दो गुटों में न्यायालय की हवालात में जमकर मारपीट हो गई। दोनों गुटों के कई बंदी घायल हो गए। दोनों तरफ कोतवाली में एक-दूसरे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
इज्जतनगर के मठ लक्ष्मीपुर का रहने वाला ललित सक्सेना बृहस्पतिवार को केंद्रीय कारागार-2 से अपने साथी सोनू कश्यप, पवन कश्यप और अवसर अहान के साथ न्यायालय में पेशी के लिए लाया गया था। दूसरे गुट का नवादा शेखान निवासी शालू गुप्ता और उसके साथी विपिन गुप्ता, पीयूष शंखधार और जतिन भी पेशी पर आए थे। दोनों गुटों के बंदी न्यायालय की हवालात में बंद थे, इसी दौरान उनमें मारपीट शुरू हो गई।
ललित के अनुसार शालू गुट ने धारदार हथियार से उस पर हमला किया जिससे उसकी गर्दन पर चोट लगी है। शालू और उसके साथियों ने आम आदमी पार्टी की नेता रहीं कृष्णा भारद्वाज के पति चंद्रशेखर के कहने पर हमला किया। शालू गुप्ता का आरोप है कि ललित गुट के लोगों ने उस पर और उसके साथियों पर जानलेवा हमला किया। ललित की तहरीर पर कोतवाली में शालू, विपिन, पीयूष, जतिन और चंद्रशेखर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। शालू और विपिन ने ललित, सोनू, पवन और अवसर अहान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
शातिर अपराधी हैं दोनों गुटों में शामिल आरोपी
ललित सक्सेना पीलीभीत रोड पर प्लॉट कब्जाने के लिए दिनदहाड़े फायरिंग की घटना का आरोपी है। पुलिस ने उसे 23 जून को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उसके पैर में गोली भी लगी थी। इसके अलावा वह 2021 में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार कृष्णा भारद्वाज पर चुनाव प्रचार से लौटते वक्त जानलेवा हमले का भी आरोपी है।
अदालत इस केस में 26 सितंबर 2024 को उसे उम्रकैद की सजा सुना चुकी है। ललित पर करीब 20 मुकदमे चल रहे हैं। दूसरे गुट के शालू, विपिन, पीयूष और जतिन नवादा शेखान निवासी हेड कांस्टेबल के बेटे अमन की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं। पुलिस ने 19 जुलाई 2024 को विपिन और शालू को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था।
कोर्ट के आदेश पर भी ललित को बाहर नहीं भेजा
शातिर अपराधी ललित सक्सेना को फास्ट ट्रैक कोर्ट आजीवन कारावास की सजा सुना चुकी थी। न्यायाधीश ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि ललित सक्सेना को किसी और जिले की जेल में भेजा जाए, लेकिन पुलिस ने इसकी अनदेखी कर दी। बताया जाता है कि सत्ता की मदद से वह बरेली सेंट्रल जेल में ही बना हुआ है।
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