बायोमीट्रिक से अनुदानित मदरसों में होगी शिक्षक और छात्रों की हाजिरी

बायोमीट्रिक से अनुदानित मदरसों में होगी शिक्षक और छात्रों की हाजिरी

Highlight

-बायोमेट्रिक हाजिरी के साथ कैमरों की निगरानी में रहेंगे शिक्षक-छात्र
-प्रदेश के सभी 560 अनुदानित मदरसों में सोमवार से आरंभ होगी नई व्यवस्था
-बायोमेट्रिक हाजिरी और सीसीटीवी फुटेज का रोजाना प्रस्तुत करना होगा ब्योरा

लखनऊ, अमृत विचार: यूपी मदरसा बोर्ड के शिक्षक और छात्र बायोमेट्रिक हाजिरी के साथ सीसीटीवी की निगरानी में अपने अध्ययन और अध्यापन कार्य करेंगे। सोमवार से शुरू होने वाले नए सत्र में संशोधित पाठ्यक्रमों को भी विस्तार दिया जा रहा है। नई व्यवस्था 560 अनुदानित मदरसों पर प्रभावी होगी।
उप्र मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने बताया है कि सोमवार से मदरसों में अध्ययन कार्य आरंभ होंगे। नई व्यवस्था प्रदेश के सभी 560 अनुदानित मदरसों पर प्रभावी की जा रही है। मदरसों में आने वाले हर शिक्षक और छात्र-छात्राओं को बायोमेट्रिक हाजिरी लगानी होगी। कार्यालय और कक्षा में लगे सीसीटीवी का सामना भी करना होगा। ताकि ये पता चल सके कि कौन कितने बजे और आया और फिर वापसी का समय क्या था। रजिस्ट्रार का कहना है कि फिलहाल ये व्यवस्था अनुदानित मदरसों में शुरू कराई जा रही है, आगे मान्यता प्राप्त मदरसों में भी इसमें शामिल किया जाना है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और मदरसा संचालकों को निर्देशित करते हुए कहा गया है कि उन्हें रोजाना की अपडेट राज्य मुख्यालय कार्यालय पर प्रेषित की जानी है।

नए सत्र में अनिवार्य विषय होंगे सम्मिलित
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) के तहत सोमवार से नया सत्र आरंभ किया जा रहा है। इसमें कक्षा एक से हाईस्कूल और इण्टर तक की पढ़ाई में गणित, प्राथमिक विज्ञान, नागरिक शास्त्र, इतिहास आदि विषयों को बतौर अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। ऑल इण्डिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया के महासचिव ने बताया है कि अनुदानित और मान्यता प्राप्त मदरसों के लिए ये प्रस्ताव तो 12 अक्टूबर 2021 को ही प्रभावी हो गया था, लेकिन लागू नहीं हो सका। नए सत्र में इसे समायोजित करने से विद्यार्थियों को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।

इस तरह से अब तक होता रहा अध्ययन कार्य
मुंशी- मौलवी में अनिवार्य विषय के तौर पर धर्मशास्त्र (शिया/सुन्नी), ए- अरबी साहित्य (मौलवी उम्मीदवार के लिए), बी फारसी साहित्य (लेखक उम्मीदवार के लिए), उर्दू साहित्य, सामान्य अंग्रेजी, सामान्य हिंदी की पढ़ाई कराई जाती रही है। अब तक वैकल्पिक विषय के तौर पर गणित, गृह विज्ञान, तर्क और दर्शन, सामान्य अध्ययन, विज्ञान, तिब्बती की भी पढ़ाई को छात्रों द्वारा चुना जाता रहा है। इसके अतिरिक्त मदरसों में धार्मिक शिक्षा में कुरान, हदीस, तफसीर, फिकह की पढ़ाई होती है।

प्रदेश के मदरसों में 27 लाख छात्र हैं अध्ययनरत
प्रदेश के कुल मदरसों में लगभग 27 लाख छात्र अध्ययनरत हैं। इसमें 16,513 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं। वहीं गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या 8,449 है। 16,513 मदरसों में से 558 मदरसों को राज्य सरकार की ओर से वित्त पोषित किया जाता है। इन मदरसों में शिक्षक/ कर्मचारियों की संख्या 9000 है।


प्रदेश में मदरसों में इस तरह से होती है पढ़ाई
यूपी मदरसा शिक्षा परिषद की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, ताथानिया (प्राथमिक स्तर), फौकानिया (जूनियर हाई स्कूल स्तर) के प्रदेश में कुल 14677 मदरसे हैं। वहीं आलिया (मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल, फाजिल) के कुल 4536 मदरसे हैं। मुंशी- मौलवी (समकक्ष हाईस्कूल) उच्च शिक्षा एवं नियुक्ति की ओर से शासन द्वारा अनुमोदित किया गया है।

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