Kanpur: प्रचंड गर्मी में जलकल कर्मी समेत 10 की मौत...पोस्टमार्टम हाउस में लगे शवों के ढेर, आधा किमी तक सड़ांध से सांस लेना दूभर

कानपुर में प्रचंड गर्मी में जलकल कर्मी समेत 10 की मौत

Kanpur: प्रचंड गर्मी में जलकल कर्मी समेत 10 की मौत...पोस्टमार्टम हाउस में लगे शवों के ढेर, आधा किमी तक सड़ांध से सांस लेना दूभर

कानपुर, अमृत विचार। प्रचंड गर्मी में 24 घंटे के भीतर कानपुर कमिश्नरेट के अलग-अलग थानाक्षेत्रों में जलकल कर्मी समेत 10 लोगों की मौत हो गई। लू लगने से मौत की वजह परिजन बता रहे हैं। हालांकि, तीन दिनों से मिल रहे ज्ञात और अज्ञात शवों को लेकर बुधवार का ग्राफ कम रहा। लेकिन गर्मी का सितम अभी भी बरकरार है। पोस्टमार्टम हाउस से लेकर मार्चुरी तक शवों के ढेर लगे हुए हैं। जिसस उठने वाली सड़ांध से आधा किलोमीटर तक के लोग प्रभावित हो रहे हैं। सोमवार को जहां 20, मंगलवार को 23 वहीं बुधवार को 10 लोगों की गर्मी से मौत की आशंका है।  

नवाबगंज थानाक्षेत्र के सूर्य विहार के रहने वाले 54 वर्षीय राजेश्वर जल संस्थान गंगाबैराज में फिल्टर ऑफिस में कार्यरत थे। वहीं पर उन्हें रुकने के लिए क्वार्टर मिला था। बेटे रोहित ने पुलिस को बताया कि दो दिन से पिता का फोन नहीं उठ रहा था तो मौके पर जाकर देखा तो खिड़की के झांकने पर देखा कि उनका शव तख्त के पास नीचे फर्श पर पड़ा हुआ है। कमरे से बदबू उठ रही थी।

रोहित का कहना है, कि वहां गर्मी अधिक रहती थी। ऐसे में पिता की तबियत भी बिगड़ी चल रही थी। भीषण गर्मी और लू ने पिता की जान ले ली। रावतपुर गांव निवासी 45 वर्षीय आनंद कुमार पनकी थानाक्षेत्र में एक फैक्ट्री में काम करते थे। भाई रंजीत ने बताया कि वह साइकिल से मंगलवार को फैक्ट्री गए थे, इसी दौरान काम से जाने पर दोपहर में उनकी गर्मी के कारण चक्कर आकर हालत बिगड़ी और सड़क पर गिर गया। कर्मचारियों ने हैलट अस्पताल पहुंचाया। तब तक उनकी सांसे थम चुकी थीं। उसकी पत्नी रुचि व बेटी जिया है।

सचेंडी थानाक्षेत्र के छत्तापुरवा निवासी 42 वर्षीय राजू सिंह सोमवार को गांव के चार दोस्तों के साथ खाटू श्याम गया था। भाई जगदीश ने बताया कि वहां गर्मी में उनकी हालत बिगड़ी तो दोस्तों ने सूचना दी। भाई ने निजी गाड़ी करके जल्द से जल्द आने के लिए कहा। जिस पर वह लोग घर से एक किमी की दूरी पर पहुंचे ही थे, कि उसने दम तोड़ दिया। उसके तीन बच्चे व पत्नी लक्ष्मी है।

रायपुरवा के राखी मंडी निवासी 56 वर्षीय विनोद सफाई कर्मी था। उसके बेटे अभिषेक ने बताया कि वह घर से काम करने के लिए निकले थे, इतने में ही मंगलवार को सूचना मिली कि वह परेड में ठेके के पास सड़क पर पड़े हैं। उन लोगों ने अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। उसके चार बेटे एक बेटी व पत्नी सरोज है।

मध्यप्रदेश के भानपुरा के मंदसौर निवासी 42 वर्षीय लेखराज ट्राला में हेल्परी करता था। भाई रामगोपाल ने बताया कि वह कल ट्रांसपोर्ट नगर सामान लेकर आया था। जहां उसकी तेज पसीना आकर तबियत बिगड़ी। जब तक वहां के कर्मचारी अस्पताल ले जाते उसकी मौत हो गई। परिवार में पत्नी छाया, दो बेटी प्रगति व गुन्नू है।

सचेंडी निवासी राजू सिंह (42) तीन दिन पूर्व खाटू श्याम के दर्शन करने गए थे। बुधवार को वहां से वापस बस से आए और पैदल घर की तरफ तेज धूप में जा रहे थे। अचानक से गर्मी लगी और चक्कर आकर गिर पड़े। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसी प्रकार जिला हमीरपुर के ग्राम हथगांव निवासी 70 वर्षीय वृद्ध छंगा बस से गंगा दशहरा पर गंगा स्नान करने के लिए बिठूर आए थे।

बेटे रामाधार ने बताया कि गंगा नहाने के बाद पिता को चक्कर आने लगे इसके बाद हालत बिगड़ने लगी। लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने हैलट अस्पताल पहुंचाया, जहां मंगलवार देर रात उनकी मौत हो गई। कानपुर देहात के पुरवा माती निवासी 45 वर्षीय योगेंद्र सिंह मंगलवार को अपनी बहन के घर फतेहपुर जा रहे थे। वह घंटाघर जैसे ही पहुंचे तो लू के थपेड़ों के बीच उसे चक्कर आना शुरू हो गए।

वह हिम्मत करके किसी तरह कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक तक पहुंचे तो हालत और खराब हो गई और गिर पड़े। लोग जब तक कुछ समझ पाते तब तक उसकी सांसे थम गई। इसी प्रकार कानपुर देहात रूरा निवासी 58 वर्षीय गणेश अवस्थी का शव चकेरी की सनिगवां चौकी के पास पड़ा मिला। परिजनों ने इनकी भी मौत की आशंका गर्मी के कारण ही जताई है। इसी प्रकार अनवरंगज थानाक्षेत्र में 45 वर्षीय पुरुष का शव मिला वहीं रायपुरवा क्षेत्र में 35 वर्षीय युवक का अज्ञात शव पड़ा मिला।   

पोस्टमार्टम हाउस में सड़ांध और भीड़  

इन दिनों शहर में मिलने वाले ज्ञात और अज्ञात शवों के कारण पोस्टमार्टम हाउस से लेकर मार्चुरी तक सड़ांध फैली हुई है। इससे आधा किलोमीटर के आसपास रहने वाले लोग बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। सोमवार को जहां 20 लोगों की मौत हो गई। वहीं मंगल को संख्या बढ़कर 23 पहुंची। वहीं बुधवार को गर्मी से मरने वालों की संख्या हालांकि, कम ही रही लेकिन पोस्टमार्टम हाउस से लेकर बाहर तक ग्रीन बेल्ट में चढ़कर लोगों की भीड़ लगी रही। इतनी संख्या में हो रही मौतों के बाद लोग कोरोना काल को यादकरके दहशत में हैं। 

फिर से पानी का टैंकर और स्ट्रेचर पहुंचे

नौतपा में शहर में हो रही मौतों ने सबको हिलाकर रख दिया था। पुलिस महकमे से लेकर प्रशासन तक हड़कंप मच गया था। इसके बाद डीएम राकेश सिंह के निर्देश पर पोस्टमार्टम हाउस अपर जिलाधिकारी और सीएमओ को भेजा गया था। उनके निरीक्षण के बाद पोस्टमार्टम हाउस में पानी पीने का टैंकर, कूलर और स्ट्रेचरों की व्यवस्था कराई गई थी। बीच में मौतों का ग्राफ घटा तो तत्काल की गई व्यवस्थां वापस ले ली गई। एक बार फिर से गर्मी में मौत तांड़व कर रही है, जिसके बाद बुधवार को फिर से यही व्यवस्थाएं लोगों को मिलने लगीं। 

अस्थाई मार्चुरी का चल रहा निर्माण 

इस भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों के बीच अफसरों के निरीक्षण के बाद पोस्टमार्टम हाउस में अस्थाई मार्चुरी का निर्माण किया जा रहा है। टिन शेड वाली मार्चुरी के नीचे 47 डिग्री की गर्मी में शवों का क्या हाल होगा, ये तो आने वाला वक्त बताएगा। अभी अपनों के शव लेने आए परिजन रैनबसेरे में बैठते हैं। जहां पंखे आग उगल रहे हैं। परेशान लोग मेट्रो के ट्रैक की छांव में डिवाइडर पर पनाह ले रहे हैं। 

किसी काम के नहीं डीप फ्रीजर

रेडक्रास सोसाइटी ने वर्षों पूर्व पोस्टमार्टम हाउस को चार शवों को रखने के लिए चार डीप फ्रीजर दिए थे। पोस्टमार्टम के कर्मचारियों ने बताया कि उनका मेंटीनेंस कभी भी नहीं किया जाता जिस कारण वह आए दिन खराब हो जाते हैं। इस मामले में लो वोल्टेज में तो चालू भी नहीं रह पाते। ऐसे में जहां दर्जनेों की संख्या में शव मिल रहे ऐसे में ये किसी के काम नहीं आ रहे हैं।

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