Bareilly News: काम से घर लौटने की जल्दी... इसी वजह से शामें ज्यादा जानलेवा

Bareilly News: काम से घर लौटने की जल्दी... इसी वजह से शामें ज्यादा जानलेवा

अनुपम सिंह, बरेली, अमृत विचार। इंट्रिग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटा बेस यानी आईराड के रिकॉर्ड के मुताबिक काम से घर लौटने का वक्त पिछले तीन साल में लोगों पर सबसे ज्यादा भारी पड़ा है। शाम को 6 से 9 बजे के बीच के इसी अंतराल में जिले में सबसे सड़क हादसे हुए हैं और इसी अंतराल में सबसे ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है। 

आमतौर पर माना जाता है कि सड़कों पर भोर होने से पहले का वक्त सबसे ज्यादा खतरनाक होता है लेकिन आंकड़ों के मुताबिक रात 3 से सुबह 6 बजे के इस अंतराल में हादसों की संख्या तो कम रही ही, इनमें जान भी सबसे कम लोगों की गई।

बढ़ते सड़क हादसों को कम करने और उनके कारणों का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 2021 में आईआईटी मद्रास की मदद से इंट्रिग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस यानी आईराड मोबाइल एप लांच किया गया था जिसे अब इडार (ई-डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट) में परिवर्तित करने की प्रक्रिया चल रही है। 

इस एप में कुल 21 बिंदु शामिल किए गए हैं, जिन पर सड़क हादसों से संबंधित अलग-अलग तरह की सूचनाओं को रिकॉर्ड किया जाना है, हालांकि अभी कुछ चुनिंदा बिंदुओं पर ही सूचनाएं दर्ज की जा रही हैं। बरेली में एनआईसी के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक मनोज कुमार शर्मा के निर्देशन में यह डेटा तैयार हो रहा है। 

सूचनाओं के विश्लेषण और एप को अपडेट रखने की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रोजेक्ट मैनेजर हिमांशु शर्मा के मुताबिक सड़क हादसों के बाद पुलिस को मृतकों और घायलों की उम्र, हादसे की वजह, समय, कारण जैसी जानकारी एप पर ऑनलाइन भेजने की जिम्मेदारी दी गई है। एप को लगातार अपडेट किया जा रहा है।

3 साल में 2,465 सड़क हादसे... 1,337 लोगों की मौत
आईराड की रिपोर्ट के मुताबिक एक जनवरी 2021 से 13 जनवरी 2024 तक जिले में 2,465 सड़क हादसे हुए हैं जिनकी चपेट में कुल मिलाकर 5,872 लोग आए हैं। इनमें 1,337 लोगों की मौत हुई है, बाकी लोग घायल और गंभीर घायल हुए।

शाम 6 से 9 बजे
सबसे ज्यादा 577 सड़क हादसे इसी दरम्यान हुए। इनमें 317 लोगों की मौत हुई और 362 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। 271 मामूली जख्मी हुए हैं।

दोपहर 3 से 6 बजे
इस बीच 453 हादसे हुए जिनमें 228 लोगों को जान गंवानी पड़ी। इन हादसों में 290 लोग गंभीर रूप से घायल हुए और 242 को मामूली चोटें आईं।

दोपहर 12 से 3 बजे
इस समयांतराल में 395 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें कुल मिलाकर 195 लोगों जान गंवाई। 280 लाेग गंभीर घायल हुए, 203 को मामूली चोट आई।

सुबह 9 से 12 बजे
इस अंतराल में जिले में 296 सड़क दुर्घटनाओं का रिकॉर्ड है जिनमें 145 लोगों की जानें गईं। 206 लोग गंभीर घायल हुए, 151 लोग मामूली चोटिल हुए।

सुबह 6 से 9 बजे
आईराॉड के रिकॉर्ड के मुताबिक इस बीच हुए 184 हादसों में 113 लोगों की मौतें हुईं। 129 लोग गंभीर और 108 लोग मामूली रूप से घायल हुए।

रात 9 बजे से 12 बजे
इन तीन घंटों के समय में कुल 254 सड़क हादसे हुए जिनमें 154 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा 124 लोग गंभीर और 129 मामूली घायल हुए।

रात 12 से 3 बजे
सड़कों पर कम ट्रैफिक रहने से इस बीच 211 सड़क हादसे हुए जिनमें 114 लोगों की मौतें हुईं। 118 लोग गंभीर और 124 मामूली जख्मी हुए।

रात 3 से सुबह 6 बजे
इस बीच सबसे कम 95 सड़क हादसे हुए, जिनमें सबसे कम 71 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा 43 लाेग गंभीर और 68 मामूली रूप से घायल हुए।

सबसे ज्यादा हादसे मार्च में लेकिन मौतें मई में
पिछले तीन साल में जिले में सबसे ज्यादा 356 सड़क हादसे मार्च के महीनों में हुए जिनमें 171 लाेगों की जान गई। मई के महीनों में हादसे तो अपेक्षाकृत कम 277 ही हुए, लेकिन मरने वालों की संख्या तुलनात्मक रूप से ज्यादा 175 रही। जनवरी के महीनों में हुए 214 हादसों में 110, फरवरी में 257 हादसों में 117, अप्रैल में 251 हादसों में 131, जून में 235 हादसों में 156, जुलाई में 182 हादसों में 105, अगस्त में 164 हादसों में 91, सितंबर में 127 हादसों में 64, अक्टूबर में 127 हादसों में 58, नवंबर में हुए 106 हादसों में 60 और दिसंबर में 169 हादसों में 99 लोगों ने जान गंवाई है।

स्टेट हाईवे पर सफर ज्यादा खतरनाक
जिले भर के थानों की पुलिस की ओर से एप पर भरी गई रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा सड़क हादसे और उनमें मौतें स्टेट हाईवे पर हुई हैं। एक जनवरी 2021 से 13 जनवरी 2024 तक स्टेट हाईवे पर 565 हादसों में 288 लोगों ने जान गंवाई हैं। नेशनल हाईवे पर हुए हादसों की संख्या दूसरे नंबर पर है जिन पर हुए 394 हादसों में 265 लोगों की मौत हुई। अंतरजनपदीय सड़कों पर 220 हादसों में 91, दूसरी सड़कों पर 282 हादसों में 143 लोगों की मौतें हुईं हैं। लोकल सड़कों पर 201 हादसों में 334 लोगों की जानें गईं।

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