Bareilly News: डॉ. दीक्षा ने मौत के पहले भाई को किया था मेसेज ‘जरूरी बात करनी है’

भाई मेसेज देख पता कि उससे पहले पहुंच गई बहन की मौत की खबर

Bareilly News: डॉ. दीक्षा ने मौत के पहले भाई को किया था मेसेज ‘जरूरी बात करनी है’

बरेली, अमृत विचार। कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के परीक्षा भवन की पांचवीं मंजिल की छत से गिरने से पहले डॉ. दीक्षा तिवारी ने इंजीनियर भाई मयंक तिवारी के मोबाइल फोन पर मेसेज किया था, जिसमें लिखा था कि उसे कुछ जरूरी बात करनी है, लेकिन जब तक भाई मेसेज देखता कि उससे पहले बहन की मौत की खबर पहुंच गई। परिजनों ने शुक्रवार को संजय नगर में डॉ. दीक्षा का अंतिम संस्कार किया।

मूलरूप से जसवंत नगर इटावा के गांव अजनौरा निवासी रघुवीर तिवारी सेना में मेजर के पद पर तैनात रहे। उन्होंने सुरेश शर्मा नगर में मकान बनवा लिया था। उनके निधन के बाद से उनके बड़े बेटे प्रदीप तिवारी प्रिंटिंग प्रेस का कारोबार करने लगे। यहां पर पत्नी अनीता, इंजीनियर बेटा मयंक तिवारी, 24 वर्षीय इकलौती बेटी डॉ. दीक्षा तिवारी और मां सावित्री के साथ रह रहे थे।

भाई मयंक तिवारी के अनुसार वह किसी काम से व्यस्त थे। हादसे से कुछ समय पहले उनकी बहन दीक्षा ने मोबाइल फोन पर मेसेज किया कि वह कुछ जरूरी बात करना चाहती है, लेकिन जब तक वह मेसेज देख पाते कि बहन के मौत की खबर उन तक पहुंच गई। उसके बाद वह पुणे से मुंबई पहुंचे, जहां से फ्लाइट से सीधा लखनऊ आए। लखनऊ आने के बाद कानपुर के लिए रवाना हुए।

उन्होंने बताया कि कानपुर से बहन का शव लेकर परिजन बरेली पहुंचे। जहां पर अंतिम संस्कार किया गया। मयंक ने बताया कि उन्होंने या उनके परिवार ने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस जांच कर रही है। जांच रिपोर्ट में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसे आधार बना कर वह आगे की कार्रवाई करेंगे।

मंयक ने साफ किया कि जिन डॉक्टरों पर आरोप लग रहा है, वे उन्हें अच्छी तरह से जानते हैं। उन डॉक्टरों का उनके घर पर चार साल से आना-जाना था। फिलहाल, परिवार के लोग किसी से बहुत ज्यादा बात नहीं कर रहे हैं। बुधवार रात मेडिकल कॉलेज की छत से गिरकर डॉ. दीक्षा की मौत हुई थी।

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