Kanpur: स्वीमिंग पूल या वॉटर पार्क में नहाने से कान में संक्रमण...हैलट में दर्जनों की संख्या में आ रहे मरीज, इन बातों का रखें ध्यान

कानपुर के हैलट अस्पताल के ईएनटी विभाग में दर्जनों की संख्या में आ रहे बच्चे और युवा

Kanpur: स्वीमिंग पूल या वॉटर पार्क में नहाने से कान में संक्रमण...हैलट में दर्जनों की संख्या में आ रहे मरीज, इन बातों का रखें ध्यान

कानपुर, अमृत विचार। भीषण गर्मी के चलते इस समय बड़ी संख्या में लोग राहत पाने के लिए स्वीमिंग पूल और वॉटर पार्क का रुखकर रहे हैं। लेकिन पूल में मस्ती करना तमाम लोगों को भारी भी पड़ रहा है। स्वीमिंग पूल, वॉटर पार्क या नदी के पानी से कान में संक्रमण की शिकायत बढ़ रही है। इनमें बच्चों और युवाओं की संख्या अधिक है।

हैलट अस्पताल के नाक, कान व गला विभाग की ओपीडी में पिछले कुछ समय से वॉटर पार्क या स्वीमिंग पूल में नहाने के बाद कान में संक्रमण या पानी जाने की समस्या लेकर पहुंचने वाले मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। इनमें से अधिकतर लोग कम सुनाई देने की शिकायत कर रहे हैं। 

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नाक, कान व गला विभाग के प्रो.हरेंद्र कुमार ने बताया कि स्वीमिंग पूल, वॉटर पार्क व नदी में घंटों तक नहाने से पानी नाक, मुंह व कान के माध्यम से शरीर के अंदर प्रवेश करता है। इस कारण कान व नाक की नली में दबाव पड़ता है, जिससे कान संबंधित समस्या होती है। यह नली कान के हवा के दबाव को ठीक रखती है, पानी जाने से यह क्रिया प्रभावित हो जाती है।

तब कान में भारीपन, कान बहना, कम सुनाई देना जैसी समस्या होती है। पानी भीतर पहुंचने से कान में पपड़ी यानी फंगल इंफेक्शन जमा हो जाता है, जिससे कम सुनाई देना, खुजली जैसी समस्या होती है। पानी जाने से कान में मौजूद गंदगी फूल जाती है। कान के बाहरी हिस्से में भी इंफेक्शन हो जाता है, इसकी वजह से कान में दर्द या फिर कई बार कान बहने की शिकायत समस्या होती है। ऐसे तमाम मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आ रहे हैं।  

कान की बीमारी से पीड़ित बरतें सावधानी 

प्रो.हरेंद्र कुमार ने बताया कि जिन रोगियों को कान की पुरानी बीमारी है। उनको खास तौर पर स्वीमिंग पूल, वॉटर पार्क या नदी में घंटों नहाने से बचना चाहिए। पानी कान में जाने की वजह से समस्या दोबारा से बढ़कर गंभीर बन सकती है। कान के पर्दे के पीछे व आगे दोनों तरफ पानी से संक्रमण हो सकता है। 

मुख्य लक्षण 

- कम सुनाई देना 
- भारीपन महसूस होना 
- दर्द या चक्कर आना 
- कान का बहना 
- पपड़ी जमना व खुजली होना

इन बातों का रखें ध्यान

- तलाब व नदी में नहाते समय कान में कॉटन लगाए। 
- स्वीमिंग करते समय ईयर प्लग का इस्तेमाल करें।
- कान में पानी जाने पर तुरंत सफाई करें। 
- बिना डॉक्टर की सलाह कोई भी ड्रॉप न ले। 
- दो से तीन दिन दर्द होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

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