बरेली: कई साल से बंद मकानों के भी बिल भेज रहा बिजली विभाग
बरेली, अमृत विचार। कई साल से बंद पड़े मकानों में भी हर महीने दो हजार रुपये का बिल आ रहा है। मकान मालिकों का कहना है कि न तो पंखा चलता है और न ही लाइट जलती है, फिर भी मीटर दौड़ता रहता है। ऐसे लोग परेशान होकर अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। उनके गलत बिलों का संशोधन किया जा रहा है।
सीबीगंज के सर्वोदय नगर निवासी दिलशाद खां ने बताया कि वह लंबे समय से अपनी ससुराल महेशपुर अटरिया में रह रहे हैं। सर्वोदय नगर में उनका मकान बंद पड़ा है, लेकिन उनके मकान का बिल हर महीने दो हजार रुपये का आ रहा है, जबकि मकान में न तो पंखा चल रहा है न ही कोई लाइट जल रही है।
इसी तरह पस्तौर के रहने वाले आशीष सक्सेना ने बताया कि वह हर महीने अपना बिल समय से जमा करते हैं। बीमारी की वजह से वह पांच से छह महीने तक अपना बिल जमा नहीं कर सके। इसके बाद उनके पास अचानक 70 हजार रुपये का बिल आ गया। उपकेंद्र पर लगे कैंप में जाकर एसडीओ को बिल दिखाया तो उन्होंने बताया कि उनके मीटर में रीडिंग को स्टोर कर दिया गया था। बाद में उनकी शिकायत पर एसडीओ ने उनकी समस्या का समाधान कर दिया।
अगर गलत बिल आ रहा है तो शिकायत मिलने पर उसे ठीक करा दिया जाता है। सभी मीटर रीडरों को घर-घर जाकर रीडिंग के हिसाब से बिल बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। -विकास सिंघल, अधीक्षण अभियंता
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