कब्जे कह रहे... यहां से निकलना मना है, नगर निगम मुख्यालय से चंद कदमों की दूरी पर अतिक्रमण का झाम
लखनऊ, अमृत विचार: जिन पर पैदल चलकर लोग बिना सड़क पर आए लंबी दूरी का रास्ता तय कर लेते थे आज उन बरामदों में अवैध कब्जेदारों ने कब्जा जमा लिया है। कहीं दुकानें चल रही हैं तो कहीं होटल संचालकों ने टेबिल लगा राहगीरों का रास्ता बंद कर दिया है। अवैध कब्जों की यह बाधा अब राहगीरों से साफ कह रही है कि ''इन रास्तों से निकलना मना है''। यह अतिक्रमण शहर के लालबाग स्थित नगर निगम मुख्यालय से चंद कदमों की दूरी पर चल रहे होटल, पार्किंग स्थलों और एसेसरीज की दुकानों का है। इससे न केवल सड़क पर जाम लग रहा है बल्कि वाहनों के साथ पैदल चलने वालों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है। दिलचस्प यह है कि नगर निगम पर ही शहर का अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी है।
गली में टेबल लगा कर रहे कारोबार, निकलना मुश्किल
नगर निगम मुख्यालय से होकर नावेल्टी चौराहे तक पहले पार्क के बगल से आने जाने के लिए बरामदे और उससे सटी गलियां थीं। अब अतिक्रमण ने इन गलियों और बरामदों को लील लिया है। यहां तक स्थानीय पार्क तक में चाय की दुकान वालों का कब्जा है। दुकानदार यहां टेबल लगा कारोबार कर रहे हैं। कोई ट्रे में लेकर ग्राहक को चाय और नाश्ता करा रहा है तो कोई सड़क पर ही कार रिपेयर कर रहा है। ऐसे में इन बरामदों और गलियों से दोपहिया वाहन तो छोड़िये पैदल तक चलना दूभर हो गया है। नतीजा सड़क पर दिनभर जाम और यातायात अराजकता बनी रहती है।
बरामदे में नहीं कर सकते कारोबार
बरामदे पर कब्जा करके कारोबार करना गलत है। नगर निगम के अधिकारियों को भी मुख्यालय के इर्द-गिर्द बरामदों में चल रहे कारोबार की जानकारी है लेकिन इसे हटाने में किसी की दिलचस्पी नहीं दिख रही है। यह धरातल पर कम और कागजों पर ज्यादा दिखता है। नगर निगम जोन 1 के कर अधीक्षक ओपी सिंह ने बरामदे पर कब्जे को गलत बताया लेकिन अतिक्रमण हटाने के नाम पर गोलमोल जवाब दे दिया।
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