बरेली: एनआईआरएफ की रैंकिंग से संस्थान में पशु चिकित्सा से जुड़े छात्रों की बढ़ेगी दिलचस्पी
रैकिंग में आईवीआरआई को मिला छठवां स्थान, प्रबंधन उत्साहित, निदेशक बोले=भविष्य में पशु चिकित्सा से संबंधित कई और पाठ्यक्रम शुरू करेंगे
बरेली, अमृत विचार : कृषि शिक्षा-अध्ययन और अनुसंधान के क्षेत्र में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर को एनआईआरएफ की ओर से रैंकिंग में छठा स्थान मिला है। इससे प्रबंधन को उम्मीद है कि संस्थान में पशु चिकित्सा से संबंधित छात्रों की दिलचस्पी बढ़ेगी।
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संस्थान के निदेशक डाॅ. त्रिवेणी दत्त ने बताया कि भविष्य में पशु चिकित्सा से संबंधित कई और पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय सहकर्मी और वैज्ञानिकों की मेहनत को दिया।
आईवीआरआई ने 18 टीके, 14 नैदानिक, 88 पशु चारा प्रौद्योगिकी, 13 पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी, 23 इंजीनियरिंग डिजाइन, चार हर्बल फॉर्मूलेशन प्रौद्योगिकी उत्पाद और एक अपशिष्ट से धन प्रौद्योगिकी विकसित की है।
गोवंश के लिए रामबाण साबित हुई लंपी वैक्सीन: आईवीआरआई की विकसित लंपी वैक्सीन देश भर में गोवंशीय पशुओं के लिए रामबाण साबित हुई है। वैज्ञानिकों ने कठिन परिश्रम से बफीड और खनिज ब्लॉक, खनिज मिश्रण, एनकैप्सुलेटेड प्रोबायोटिक्स, खाने के लिए तैयार मांस और दूध उत्पाद, पर्यावरण के अनुकूल हर्बल एसारिसाइड, एंटी डायरियल हर्बल फॉर्मूलेशन और जयगोपाल वर्मीकल्चर तकनीक विकसित की है। साथ ही फ्रैक्चर फिक्सेशन, फीटल एक्सट्रेक्शन, सिस्ट एबलेशन आदि के लिए उपकरण विकसित किए हैं।
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