बदायूं: सूरजकुंड पर हुआ जलाभिषेक, आंवला व एटा सांसद भी बौद्ध भिक्षुओं से मिले
आह्वान के बाद सूरजकुंड पर जलाभिषेक करने पहुंचे हिंदू संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता
बदायूं, अमृत विचार। सूरजकुंड का मामला ठंडा नहीं हो रहा है। प्रशासन ने मालवीय अध्यापक आवास गृह पर धरना दे रहे भंते लोगों को सूरजकुंड पर दोबारा भिजवाया है। जिससे नाराज नागा बाबाओं ने विरोध किया। रविवार को सूरजकुंड में शिवलिंग का जलाभिषेक करने का आह्वान किया था। जिसके चलते वह सूरजकुंड पहुंचे। चबूतरा की सफाई की और जलाभिषेक किया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आंवला सांसद नीरज मौर्य, एटा सांसद देवेश शाक्य, सपा जिलाध्यक्ष आशीष यादव पहुंचे। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था तार-तार दिखी। युवाओं ने जयकारे लगाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। सांसदों के धैर्य से बड़ा विवाद होने से बच गया।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारी जयकारे लगाते हुए दोपहर लगभग ढाई बजे सूरजकुंड पहुंचे। पुलिसकर्मी सतर्क हो गए। भगवान शिव की मूर्ति को गड्ढे में फेंकने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा होने लगा। कहा कि भगवान का अपमान सहन नहीं होगा। फिर लोगों ने चबूतरा की सफाई की। युवाओं के अलावा गांव मझिया की महिलाओं ने भी जलाभिषेक किया। कुछ ही देर के बाद बौद्ध भिक्षुओं के बुलाने पर आंवला सांसद, एटा सांसद व जिलाध्यक्ष के साथ भंते लोगों के पास वार्ता के लिए पहुंचे। भगवान बुद्ध की मूर्ति के समक्ष हाथ जोड़े और बौद्ध भिक्षुओं से बात की। उनकी समस्या जानी। जिसके बाद सांसद ने पत्रकारों से बात की। जिसके बाद सांसदों ने डीएम आवास जाकर डीएम निधि श्रीवास्तव से बात की। बौद्ध भिक्षुओं की सुरक्षा के बारे में चर्चा की।
हिंदू संगठन बताकर प्रदर्शन करने वालों को बताया नकली
आंवला सांसद ने सूरजकुंड पहुंचकर बौद्ध भिक्षुओं से बात की। जिसके बाद खुद को हिंदूवादी संगठन का नेता बताने वालों को आड़े हाथ लिया और उन्हें नकली बताया। कहा कि उन्होंने डीएम और सरकार में ऊपर बैठे लोगों से बात की थी। सरकार, प्रशासन ने भिक्षु और उनकी बात को सुना और बौद्ध भिक्षुओं को सूरजकुंड पर दोबारा स्थापित कराया। अब उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की है कि भिक्षु जिस तरह रह रहे थे उसी तरह से रहें। बौद्ध भिक्षुओं के धरना के दौरान सपा के लोगों के पहुंचने के सवाल पर उन्होंने कहा कि क्या सपा के लोग समाज के नहीं हैं। हर किसी की आस्था किसी न किसी दल में होती है। वह बौद्ध भिक्षुओं के बुलावे पर आए थे। अगर विरोध करने वाले हिंदू संगठन बात करना चाहते हैं तो उनसे भी मिलेंगे। कहा कि जो अपने को हिंदू संगठन कहता है, जो आरएसएस कहता है वह नकली लोग हैं। आज के वर्तमान परिवेश में दो-तीन साल से संघ प्रमुख जो बयान दे रहे हैं यह लोग उनकी बात भी नहीं मानते। कैसे लोग हैं ये ? ग्रामीण और बौद्ध भिक्षुओं के बीच हुए समझौता का पत्र उन्हें नहीं मिला है।
11 या 21 दिनों तक करेंगे हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ
विश्व हिंदू परिषद के गौरक्षा विभाग देखने वाले संजीव प्रजापति ने कहा कि बौद्ध भिक्षुओं को दोबारा स्थापित करने के बाद भगवान शिव की मूर्ति गड्ढे में फेंकी गई। तीन या चार दिन में ऐसा करने वाले लोगों की गिरफ्तार नहीं होती है तो सूरजकुंड पर 11 या 21 दिन हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ शुरू करेंगे। ज्यादा से ज्यादा संख्या में यहां रहेंगे। अगर इसके बाद भी प्रशासन इन्हें नहीं हटाता तो नागा साधु कुंभ खत्म होने के बाद यहां आएंगे और इन लोगों को अपने आप ही हटा लेंगे। पूरा सनातन धर्म उनके साथ है।
नहीं दिखी सांसदों की सुरक्षा, युवाओं ने किया हंगामा
आंवला सांसद का सूरजकुंड पर आने का कार्यक्रम पहले से निर्धारित था। जिसके बारे में प्रशासन को अवगत कराया गया था। इसके बाद भी सुरक्षा का विशेष ख्याल नहीं रखा गया। एक तरफ सपा के दो सांसद व जिलाध्यक्ष समेत कार्यकर्ता थे तो दूसरी ओर हिंदू संगठनों के पदाधिकारी और अन्य युवा थे। सांसद के प्रेसवार्ता के दौरान नारेबाजी की गई। युवाओं ने हंगामा करके माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया। हालांकि अपराध निरीक्षक अशोक कुमार ने उन्हें शांत कराकर माहौल संभालने का प्रयास किया।