UP PCS-Pre Exam: आधे से ज्यादा अभ्यर्थियों ने छोड़ी परीक्षा, शामिल हुए महज 13208 अभ्यर्थी, बोले- पांच वर्ष में सबसे कठिन रहा पेपर
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सम्मिलित राज्य-प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस- प्रारंभिक) परीक्षा- 2024 लखनऊ जिले के 64 केंद्रों पर सम्पन्न हो गई। इन केंद्रों पर कुल 28513 अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होना था लेकिन आधे से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल नहीं हुए। दोनों पालियों में परीक्षा छोड़ने वालों की संख्या 15305 रही।
नकलविहीन परीक्षा कराने को लेकर प्रशासन की सख्ती और कड़े नियमों का असर परीक्षा केंद्रों पर दिखा। आधे से अधिक परीक्षार्थी नदारद रहे। परीक्षा केंद्रों पर लगे मोबाइल जैमर ने नेटवर्क जाम रखा। यही नहीं पहली बार छात्र-छात्राओं के आंखों के रेटिना से उनकी पहचान की गई। वीडियोग्राफी के साथ फोटो ली गई।
प्रशासन की कड़ाई का आलम यह रहा कि अभ्यर्थियों को सिक्के तक परीक्षा कक्ष में नहीं ले जाने दिया गया। दो पालियों में हुई परीक्षा का पहला प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन का था जबकि दूसरी पाली में सी-सैट का प्रश्न था। अधिकतर अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र को कठिन बताया। जिलाधिकारी दल-बल के साथ परीक्षा केंद्रों का लगातार निरीक्षण करते रहे।
पहली बार आंखों के रैटिना से हुई छात्रों की पहचान
आयोग की आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक के बाद पीसीएस की परीक्षा भी देरी से कराई गई। पहली बार जितने परीक्षा केंद्र बनाए गए उतने ही सेक्टर मजिस्ट्रेट और स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई। इसके अलावा अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक जांच की गई जिसमें आंखों की पुतली से अभ्यर्थी की पहचान हुई। परीक्षा केंद्र में आने वाले अभ्यर्थियों की फोटो खींची गई और पूरे परीक्षा की वीडियो रिकार्डिंग भी की गई। परीक्षा के दौरान केंद्रों के आसपास मोबाइल जैमर लगाकर नेटवर्क बाधित रखे गए। अभ्यर्थियों ने बताया सख्ती थी। परीक्षा कक्ष में सिक्के तक ले जाने की अनुमति नहीं मिली।
हाई अलर्ट पर रहा प्रशासन, जितने परीक्षा केंद्र उतने मजिस्ट्रेट
परीक्षा को सकुशल नकलविहीन पूरी कराने के लिए लखनऊ के 64 केंद्रों को 5 जोन में बांटा गया था। इसके अलावा प्रति परीक्षा केंद्र सेक्टर और स्टेटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए गए थे।
रेलवे, मेट्रो और बस स्टेशन भी रहे निगरानी में
रेलवे स्टेशन से लेकर बस स्टैण्ड, मेट्रो स्टेशनों पर भी नजर रखी गई। सोशल मीडिया पर भी किसी भी प्रकार की अफवाह न फैले इसके लिए कड़ी निगरानी की गई।
जिलाधिकारी करते रहे परीक्षा केंद्रों का दौरा
जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार विभिन्न परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करते रहे। शाहमीना रोड स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र पहुंच कर एग्जामिनेशन रूम, परीक्षा पर्यवेक्षकों की व्यवस्था को देखा। प्रथम पाली में जुबली इंटर कॉलेज व नेशनल पीजी कॉलेज का निरीक्षण किया। द्वितीय पाली में लालबाग स्थित इस्लामिया इंटर कॉलेज, केकेसी इंटर कालेज, बप्पा वोकेशनल बालिका इंटर कालेज, एपी सेन पीजी व इंटर कॉलेज और खालसा इंटर कॉलेज का निरीक्षण किया गया।
कठिन था प्रश्नपत्र, यूपी के सवाल कम आए
अभ्यर्थी शालिनी सिंह रायबरेली से अलीगंज के नेताजी सुभाषचंद्र बोस राजकीय बालिका पीजी कॉलेज में परीक्षा देने आई थी। उन्होंने बताया कि हर बार देश के विभिन्न दर्रों की राज्यों में स्थिति पर सवाल आता था लेकिन इस बार उनकी मीटर में ऊंचाई पर सवाल किया गया। पेपर बहुत कठिन आया था।
- अभ्यर्थी विभा शर्मा रायबरेली से आई हैं। वह बताती हैं कि उत्तर प्रदेश से सवाल कम आए थे। जबकि आयोग के पाठ्यक्रम के हिसाब से हमने यूपी स्पेशल खूब तैयार किया था लेकिन सवाल एकदम गायब थे। प्रश्नपत्र यूपीएससी परीक्षा के जैसे तैयार किया गया था।
- शिप्रा बताती है कि दोनों ही प्रश्नपत्र मॉडरेट थे। जिसे कठिन या आसान नहीं कहा जा सकता है। यदि पेपर कठिन है तो सबके लिए कठिन है। इससे मेरिट भी तो अधिक जाएगी।
- आंकाक्षा लखनऊ पीजीआई से प्रश्नपत्र देने आई थीं। उनका सेंटर अमीनाबाद के विद्यांत कॉलेज में था। उन्होंने बताया कि इस बार नदियों के बारे में बहुत कठिन सवाल किए गए थे। हर बार हमलोग नदियों की उत्पत्ति और लंबाई के बारे में पढ़ते आए हैं लेकिन सवाल अलग ही था।
- अभ्यर्थी गुरुनाम सिंह बताते हैं कि प्रदेश सरकार की योजनाओं से सवाल ही नहीं किए गए हैं। ज्यादातर सवाल केंद्र सरकार की योजनाओं के किए गए हैं और सही उत्तर को मैच(सुमेल कराना) के सवाल काफी कठिन रहे।
- अभ्यर्थी अनुराग दिल्ली में रहकर तैयारी करते हैं। वह दिल्ली से परीक्षा देने आए थे। उनका कहना है कि इस बार राजव्यवस्था से संबंधित सवाल काफी आसान थे। मेरे लगभग सभी सवाल सही है। विज्ञान के सवाल भी काफी सरल रहे। कुलमिलाकर आसान प्रश्नपत्र था। मुझे उम्मीद है कि मेरा प्रारंभिक परीक्षा में हो जाएगा।
- अंबेडकर नगर से आए एक अन्य अभ्यर्थी अनुराग यादव कहते हैं कि जिसने योजनाओं को रटा होगा, उसके लिए यह प्रश्नपत्र बेहद सरल था। उसका हो जाएगा। वह कहते हैं कि सभी भागों से सवालों में समानता नहीं थी। पाठ्यक्रम से कुछ विषय बिल्कुल गायब थे।
- पवन कहते हैं कि कुलमिलाकर पेपर पिछले कई साल में सर्वाधिक कठिन था। सी-सैट भी आसान नहीं था। मुझे तो सामान्य अध्ययन से अधिक कठिन प्रश्न सीसैट का ही लगा।
इन सवालों ने किया परेशान
- 2011 की जनगणना से संबधित सवाल
- रोजगार योजना, ग्रामोदय योजना, आवास योजना पर प्रश्न
- दर्रे, घाटी और नदियों से जुडे़ सवाल
- केंद्र सरकार की योजनाओं पर सवाल
- भूमि पर रहने वाले पौधे और जानवर
- सीपीआर क्या है, मधुमेह किस अंग से संबंधित
- बेकिंग सोडा का फार्मूला, दूध किसका उदाहरण है
- रोग पैदा करने वाले वाले सूक्ष्म जीव
- गर्दन की हड्डी कहां से जुड़ती है
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