पीलीभीत चकरोड घोटाला: सत्यता परखने को अभिलेख फोरेंसिक लैब भेजे, हस्ताक्षर भी होंगे मिलान...जानिए मामला

लंबे समय से लंबित घोटाले की विवेचना के निस्तारण को एक्सपर्ट की रिपोर्ट का इंतजार 

पीलीभीत चकरोड घोटाला: सत्यता परखने को अभिलेख फोरेंसिक लैब भेजे, हस्ताक्षर भी होंगे मिलान...जानिए मामला

पीलीभीत, अमृत विचार। बहुचर्चित चकरोड घोटाले में फंसे पंचायत सचिव, ग्राम प्रधान समेत चार जिम्मेदारों पर दर्ज एफआईआर की विवेचना को गति देने के लिए पुलिस सत्यता का पता लगाने में जुट गई है। प्रकरण से संबंधित अभिलेख फारेंसिक जांच के लिए भेज दिए गए हैं। आरोपियों के हस्ताक्षर के नमूने का भी एक्सपर्ट से मिलान होगा। एक्सपर्ट की रिपोर्ट मिलने के बाद विवेचना को अंतिम रूप दिया जाएगा। 

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पूर्व में अमृत विचार में प्रकाशित खबर।

मामला मरौरी ब्लॉक की ग्राम पंचायत बसंतापुर का है। चकरोड निर्माण के नाम पर फर्जी मस्टररोल बनाकर 1.42 लाख का गबन किया गया था। खास बात थी कि निर्माण से जुड़ा कोई काम धरातल पर हुआ ही नहीं था, लेकिन कागजों में चकरोड बनकर तैयार भी हो गई थी। इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की गई।

डीसी मनरेगा मृणाल सिंह से कराई गई जांच में पोल खुलकर सामने आ गई थी। कई दिन चली टालमटोल के बाद तत्कालीन डीएम पुलकित खरे सख्त हुए और न्यूरिया थाने में ग्राम प्रधान ओमशंकर, पंचायत सचिव आरेंद्र गंगवार, रोजगार सेवक जगतेंद्र सिंह व टेक्निकल असिस्टेंट मोहम्मद अजहर पर धोखाधड़ी समेत अन्य संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज करा दी गई थी।

इस मुकदमे के बाद घोटालेबाजों पर शिकंजा कसने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हो सका है। बदहाल सिस्टम के चलते अभी तक विवेचना ही पूरी नहीं हो सकी है। चारों के गैर जमानती वारंट जारी कराए थे। अब इस प्रकरण में पुलिस ने सत्यता का पता करने के लिए चकरोड निर्माण से जुड़े अभिलेख जुटाकर फारेंसिक जांच के लिए भेज दिए हैं। हस्ताक्षरों का भी मिलान कराया जाएगा कि अभिलेखों पर उनके ही हस्ताक्षर हैं या नहीं। फिलहाल, अब कार्रवाई को गति देने की तैयारी है।

मरौरी बीडीओ दे गए थे अभयदान
इस मामले में जिलाधिकारी से हुई शिकायत के बाद पहले बीडीओ मरौरी से जांच कराई गई थी। घोटालेबाजों को अभयदान देते हुए बीडीओ मरौरी ने फर्जी जांच रिपोर्ट अधिकारियों को भेज दी, जिसमें सब कुछ ओके दर्शा दिया गया था। इसके बाद दोबारा शिकायत हुई तो डीसी मनरेगा ने जांच की और मामला उजागर हो सका था।

इस मामले में पूर्व में ही एफआईआर दर्ज है। विवेचना अभी भी चल रही है। सत्यता का पता लगाने के लिए विवेचक द्वारा अभिलेख फारेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। इसकी रिपोर्ट मिलने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी--- उदयवीर सिंह, एसओ न्यूरिया।

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