बदलते मौसम में ऐसे रखें अपना ख्याल, नहीं तो बिगड़ सकता है आपका स्वास्थ्य

बदलते मौसम में ऐसे रखें अपना ख्याल, नहीं तो बिगड़ सकता है आपका स्वास्थ्य

बरेली, अमृत विचार। अचानक हुई बारिश के बाद मौसम का मिजाज बदल गया है। इस बदलते मौसम के मिजाज में आप की लापरवाही भारी पड़ सकती है। इससे आपकी जान भी जा सकती है। इस मौसम में हृदय गति रुकने से मृत्यु दर में वृद्धि हो जाती है। सर्दी के शुरुआती दौर से अपने दिल …

बरेली, अमृत विचार। अचानक हुई बारिश के बाद मौसम का मिजाज बदल गया है। इस बदलते मौसम के मिजाज में आप की लापरवाही भारी पड़ सकती है। इससे आपकी जान भी जा सकती है। इस मौसम में हृदय गति रुकने से मृत्यु दर में वृद्धि हो जाती है। सर्दी के शुरुआती दौर से अपने दिल का ख्याल रखें, इसके लिए चिकित्सालय में कुछ उपाय सुझाए हैं। दिल को सेहतमंद रखने वाली एक्सरसाइज करें। नमक पानी की मात्रा कम कर दें क्योंकि सर्दी में पसीना नहीं आने से यह शरीर से नहीं निकलता है।

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अपनी जांच कराते रहें। ठंड की परेशानी जैसे कफ, कोल्ड फ्लू आदि से खुद को बचा कर रखें। अब गर्मी का मौसम जाने वाला है ठंड की शुरुआत हो चुकी है मौसम का यह बदलाव हार्ट फेलियर मरीज को प्रभावित सकता है जिसको लेकर डॉक्टरों ने कहा है कि दिल के दौरा पड़ने वाली स्थिति तब होती है जब ह्रदय शरीर की आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन और पोषक तत्व की जरूरत पूरा करने के लिए पर्याप्त खून पंप नहीं कर पाता है।

इसकी वजह से हृदय कमजोर हो जाता है। यह मौसम के साथ हृदय की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं। ठंड के मौसम में तापमान कम हो जाता है जिससे ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती है। इस दौरान शरीर में खून का संचार अवरोधिक होता है। इसे हृदय तक ऑक्सीजन पहुंचने की मात्रा कम हो जाती है जिस कारण हृदय को अधिक ऑक्सीजन पाने के लिए श्रम करना पड़ता है। इस वजह से मरीज के हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है।

हार्ट फेलियर के कुछ कारण
ब्लड प्रेशर बदलते मौसम में ठंड के मौसम में शरीर का तापमान कम हो जाता है। किसी कार्य प्राणी का प्रभाव पड़ता है जैसे सिंपैथिक नर्वस सिस्टम जो कि तनाव के समय सारणी प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करता है। सक्रिय हो सकता है और केंटीकेलामैन हार्मोन का सत्रव हो सकता है इसकी वजह से हृदय को अधिक काम करना पड़ता है इस कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है

कम तापमान की वजह से पसीना निकलना कम हो जाता है इस कारण शरीर में अतिरिक्त पानी को नहीं निकाल पाता है और इसकी वजह से फेफड़ों में पानी जमा हो जाता है, इसमें हार्ट फेलियर मरीज से हृदय की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रभाव पड़ता है—डॉ वागीश वैश्य, वरिष्ठ चिकित्सक।

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