उत्तराखंड: स्वेच्छा से स्कूल आएंगे कक्षा पांच तक के बच्चे, शिक्षा महानिदेशक ने स्कूलों को चेताया

अमृत विचार, देहरादून। उत्तराखंड में एक मार्च से स्कूलों में परीक्षाएं शुरू हो रही हैं, ऐसे में शिक्षा विभाग के पास शिकायत आई है कि कुछ स्कूल कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को भी परीक्षा के लिए भौतिक रूप से स्कूल भेजने के लिए दबाव बना रहे हैं, जिसके बाद शिक्षा महानिदेशक बंशीधर …
अमृत विचार, देहरादून। उत्तराखंड में एक मार्च से स्कूलों में परीक्षाएं शुरू हो रही हैं, ऐसे में शिक्षा विभाग के पास शिकायत आई है कि कुछ स्कूल कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को भी परीक्षा के लिए भौतिक रूप से स्कूल भेजने के लिए दबाव बना रहे हैं, जिसके बाद शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा है कि ऐसे स्कूलों के खिलाफ विभाग कार्रवाई करेगा।
महानिदेशक तिवारी ने कहा कि, शासन की ओर से जारी आदेश में पूर्व में स्पष्ट किया गया है कि बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर अभिभावकों की सहमति लेनी होगी और स्कूल भेजे जाने के लिए अभिभावकों एवं बच्चों को किसी भी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाएगा। शासन ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि स्कूल का संचालन हाइब्रिड मोड पर किया जाएगा। भौतिक शिक्षण के साथ-साथ ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था भी तय होगी, लेकिन विभाग के पास इस दौरान कुछ अभिभावकों की शिकायत आईं हैं कि बच्चों को परीक्षा के लिए स्कूल भेजे जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है।
नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट राइट्स के अध्यक्ष आरिफ खान के मुताबिक शासनादेश के हिसाब से कोई भी स्कूल किसी छात्र को भौतिक रूप से स्कूल बुलाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। वहीं, शिक्षा महानिदेशक ने भी शासनादेश की अनदेखी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की चेतावनी दी है।